बुधवार, 22 मई 2013

जांबाज शख्सियत थे स्वाधीनता सेनानी पंडित ज्वाला प्रसाद शर्मा


स्वतंत्रता सेनानी पंडित ज्वाला प्रसाद शर्मा की बुधवार को पुण्यतिथि है। इस मौके पर ज्वाला प्रसाद शिक्षा सेवा संघ के अध्यक्ष भुवेन्द्र प्रसाद शर्मा की पहल पर स्वतंत्रता सेनानी ज्वाला प्रसाद की पुण्य तिथि भगवान गंज स्थित ज्वाला प्रसाद की कोठी पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई। कृषि मंडी डायरेक्टर रुस्तम खान चीता डायरेक्टर के मुख्य आतिथ्य, ग्राम पंचायत सोमलपुर सरपंच कुकी देवी, वार्ड 15 की पार्षद नीता केन, वार्ड पंच अकरम खान, नजीर दादा, कैलाश चौधरी के विशिष्ट आतिथ्य में वक्ताओं के विचारों यही सार निकला कि वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किए जाते रहेंगे। आज जब कि अजमेर में राजनीतक जागरुकता का अभाव महसूस किया जाता है तो ऐसी जांबाज शख्सियत को लोग तहे दिल से याद करते हैं और गर्व करते हैं कि हमारे यहां भी जमीन से जुड़े और दमदार नेतृत्व के धनी नेता रहे हैं।
आइये, इस मौके पर जानें उनकी जीवनी के बारे में:-
स्वाधीनता संग्राम में अजमेर के उग्रवादी आंदोलनकारियों में पंडित श्री ज्वाला प्रसाद शर्मा का नाम शीर्ष पर गिना जाता है। आपने डी.ए.वी. हाई स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही सन् 1930 में सहपाठियों के साथ क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया। सन् 1931 में क्रांतिकारी श्री मदन गोपाल के नेतृत्व में रेलवे कारखाना लूटने की योजना बनाई, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई। आप श्री विजय सिंह पथिक व श्री अर्जुन लाल सेठी के सम्पर्क में भी आए। आपने हटूंडी में गांधी आश्रम में बाबा नृसिंहदास से बंदूक चलाना सीखा। एक सरकारी गुप्तचर ने आपको फंसाने के लिए सीकर के एक महाजन के घर डाका डालने के मकसद से रिवाल्वर दिया, मगर वे उसके चक्कर में नहीं आए और श्रीनगर के पास जंगल में उसी रिवाल्वर से उसको मार कर शव जमीन में दफन कर दिया। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सन् 1942 में जेल में रहने के दौरान युक्ति लगा कर भागने में सफल हो गए। आजादी के बाद कांग्रेस से जुड़ गए और प्रदेश कांग्रेस के महासचिव व अजमेर नगर परिषद के सभापति रहे।
आप विधानसभा व लोकसभा के सदस्य भी रहे। आपने राजस्थान रोडवेज के अध्यक्ष पद पर भी कार्य किया। 20 मई, 1974 को जयपुर से अजमेर आते वक्त दूदू के पास कार दुर्घटना में आपका निधन हो गया।
स्वर्गीय श्री शर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती क्रांतिदेवी ने भी आजादी के आंदोलन में उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर भाग लिया। स्वर्गीय श्री कन्हैयालाल झा के घर जन्मी श्रीमती क्रांतिदेवी ने एम.ए. हिंदी तक शिक्षा अर्जित की और लेखन कार्य से जुड़ी रहीं। वे आजादी के आंदोलन के दौरान जन प्रबल प्रचार समिति की अध्यक्ष रहीं। वे प्रदेश कांगे्रस की उपाध्यक्ष भी रहीं। स्वर्गीय श्री शर्मा की पुत्री श्रीमती नीलिमा कृष्णा शर्मा भी माता-पिता की तरह राजनीति में सक्रिय रही हैं। वे 1985 के चुनाव में जिले के भिनाय विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक निर्वाचित हुईं। वे समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष भी रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी से नजदीकी के कारण उन्हें राजस्थान का सलाहकार बनाया गया था। सन् 1953 में जन्मी श्रीमती नीलिमा ने एम.ए. अंग्रेजी तक शिक्षा ग्रहण की है और वर्तमान में अहमदाबाद में एक कॉलेज की प्रिंसिपल हैं।
-तेजवानी गिरधर

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