भाजपा की सुराज संकल्प यात्रा के तहत प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे के भव्य स्वागत और बड़ी सभा को देख कर कांग्रेसी नेताओं की हवाइयां उड़ गई हैं। पोस्टर व बैनरों से अटे पड़े वसुंधरा के यात्रा मार्ग और सभा में कांग्रेस की तुलना में दस गुना भीड़ को देख हवाइयां उडऩी ही थी। हालांकि वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस संदेश यात्रा के तहत अजमेर आगमन के दौरान आंधी चलने को सभा में भीड़ कम आने का बहाना बना कर खुद को बहला सकते हैं, मगर मन ही मन वे जानते हैं कि कांग्रेसी सभा की भद्द क्यों पिटी? जानकारी के अनुसार शहर में कांग्रेस की इस हालत पर प्रदेश के नेताओं ने मंथन भी शुरू कर दिया है।
बहरहाल, अब होगा ये कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता अपनी विरोधी लॉबी पर ठीकरा फोड़ेंगे कि उन्होंने सभा को सफल बनाने के लिए कुछ नहीं किया, तो रलावता लॉबी ये कह कर उलाहना देगी कि रलावता ने पार्टी का सत्यानाश कर दिया है। पार्टी की इस फूट से प्रदेश के बड़े नेता अच्छी तरह वाकिफ हैं, मगर वसुंधरा की सफल सभा को देख कर उनकी भी नींद ही उड़ गई है। वे भले ही गहलोत की सभा में सभी गुटों के नेताओं को एक जगह एकत्रित कर संतुष्ट हों, मगर अब समझ चुके होंगे कि धरातल पर न केवल कांग्रेसी कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं, अपितु आम जनता में भी कांग्रेस व गहलोत के प्रति क्रेज समाप्त हो चला है। ऐसा नहीं है कि भाजपा में गुटबाजी नहीं है, वहां भी कांग्रेस की तरह ही तलवारें खिंची हुई हैं, मगर पार्टी मंच पर सभी एकजुट हैं, जबकि कांग्रेसी नेता खुद के वजूद की खातिर पार्टी को रहे नुकसान को लेकर कत्तई चिंतित नहीं हैं। अगर कांग्रेस ने अब भी समय रहते हालात पर काबू नहीं किया तो एक बार फिर भाजपा अजमेर शहर की दोनों सीटों पर काबिज हो जाएगी। वसुंधरा की यात्रा से यह तो स्थापित हो चुका है कि यदि आज चुनाव हों तो कांग्रेस बुरी तरह से हार जाएगी। आगे भी यही स्थिति रहने वाली है, बशर्ते भाजपा टिकट वितरण में लापरवाही न बरते।
-तेजवानी गिरधर
बहरहाल, अब होगा ये कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता अपनी विरोधी लॉबी पर ठीकरा फोड़ेंगे कि उन्होंने सभा को सफल बनाने के लिए कुछ नहीं किया, तो रलावता लॉबी ये कह कर उलाहना देगी कि रलावता ने पार्टी का सत्यानाश कर दिया है। पार्टी की इस फूट से प्रदेश के बड़े नेता अच्छी तरह वाकिफ हैं, मगर वसुंधरा की सफल सभा को देख कर उनकी भी नींद ही उड़ गई है। वे भले ही गहलोत की सभा में सभी गुटों के नेताओं को एक जगह एकत्रित कर संतुष्ट हों, मगर अब समझ चुके होंगे कि धरातल पर न केवल कांग्रेसी कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं, अपितु आम जनता में भी कांग्रेस व गहलोत के प्रति क्रेज समाप्त हो चला है। ऐसा नहीं है कि भाजपा में गुटबाजी नहीं है, वहां भी कांग्रेस की तरह ही तलवारें खिंची हुई हैं, मगर पार्टी मंच पर सभी एकजुट हैं, जबकि कांग्रेसी नेता खुद के वजूद की खातिर पार्टी को रहे नुकसान को लेकर कत्तई चिंतित नहीं हैं। अगर कांग्रेस ने अब भी समय रहते हालात पर काबू नहीं किया तो एक बार फिर भाजपा अजमेर शहर की दोनों सीटों पर काबिज हो जाएगी। वसुंधरा की यात्रा से यह तो स्थापित हो चुका है कि यदि आज चुनाव हों तो कांग्रेस बुरी तरह से हार जाएगी। आगे भी यही स्थिति रहने वाली है, बशर्ते भाजपा टिकट वितरण में लापरवाही न बरते।
-तेजवानी गिरधर
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