सोमवार, 12 अगस्त 2013

उपेक्षा का शिकार है मध्य पुष्कर

पुष्कर के वरिष्ठ पत्रकार श्री नाथू शर्मा की फेसबुक वाल पर अंकित यह चित्र तीर्थराज पुष्कर स्थित मध्य पुष्कर का है, जिसकी हालत देख की अनुमान लगाया जा सकता है कि यह उपेक्षा का शिकार है।
प्रसंगवश बता दें कि पद्मपुराण के सृष्टि खंड के अनुसार किसी समय वज्रनाभ नामक एक राक्षस इस स्थान में रह कर ब्रह्माजी के पुत्रों का वध किया करता था। ब्रह्माजी ने क्रोधित हो कर कमल का प्रहार कर इस राक्षस को मार डाला। उस समय कमल की जो तीन पंखुडिय़ां जमीन पर गिरीं, उन स्थानों पर जल धारा प्रवाहित होने लगी। कालांतर में ये ही तीनों स्थल ज्येष्ठ पुष्कर, मध्यम पुष्कर व कनिष्ठ पुष्कर के नाम से विख्यात हुए। ज्येष्ठ पुष्कर के देवता ब्रह्मा, मध्य के विष्णु व कनिष्ठ के देवता शिव हैं।
आम तौर पर हम जिसे तीर्थराज पुष्कर सरोवर के नाम से जानते हैं, असल में वह ज्येष्ठ पुष्कर है। इसके अतिरिक्त मध्यम पुष्कर व कनिष्ठ पुष्कर भी हैं। कनिष्ठ पुष्कर वह है, जिसे कि बूढ़ा पुष्कर के नाम से जाना जाता है, जिसका जीर्णोद्धार वर्ष दो हजार आठ में राज्य की वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में राजस्थान पुरा धरोहर संरक्षण न्यास के अध्यक्ष श्री औंकारसिंह लखावत ने करवाया। कांग्रेस सरकार ने उसे जैसा है, वैसी ही हालत में छोड़ दिया और उसके विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया। यानि की वह अब सरकारी उपेक्षा का शिकार है। ठीक उसी प्रकार मध्य पुष्कर की देखरेख पर भी सरकार का कोई ध्यान नहीं है।

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