सोमवार, 5 अगस्त 2013

नए सिरे से चौसर बिछाएंगे सचिन पायलट?

बीते एक माह में स्थानीय कांग्रेस के बदले समीकरणों के चलते संभव है अजमेर के सांसद व केन्द्रीय कंपनी मामलात राज्य मंत्री सचिन पायलट नए सिरे चौसर बिछाने जा रहे हैं, इस बात की प्रबल संभावना बताई जा रही है।
असल में यूं तो पिछले काफी समय से शहर कांग्रेस कमेटी के प्रति शहर के कांग्रेसियों के एक बड़े धड़े की नाराजगी चल रही है और इसकी जानकारी खुद पायलट को भी है। उनमें कुछ सीधे पायलट से नाइत्तफाकी के चलते शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता है तो कुछ रलावता से नाइत्तफाकी के चलते पायलट से। इसका परिणाम ये है कि अजमेर की कांग्रेस एकजुट नहीं है। इसका खामियाजा पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में आई कांग्रेस संदेश यात्रा के दौरान देखने को मिली। हालांकि आंधी-बारिश का बहाना बना कर गहलोत की सभा में कम लोग जुटने की बात कही गई, लेकिन अंदरखाने बड़े नेताओं को समझ में आ गया कि यह स्थिति कांग्रेस की फूट की वजह से बनी, जबकि पहली बार एक मंच पर पायलट व गहलोत के आने के कारण सारे गुट के नेता सभा में मौजूद थे। यह तो गनीमत रही कि आम कांग्रेसजन ने एक दिन पहले रैली निकाल कर जनता को जागृत किया, वरना भीड़ और भी कम होती।
इस सभा के बाद हाल ही जब लैपटॉप वितरण के सिलसिले में गहलोत अजमेर आए तो एक बार फिर यह समस्या आई कि यदि एकजुटता नहीं रही तो बड़ी सभा कैसे की जाएगी। जब शहर कांग्रेस अध्यक्ष रलावता ने ऐन मौके पर भीड़ जुटाने में असमर्थता जताई तो पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल, पार्षदों व मंडल अध्यक्षों के अतिरिक्त शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अखतर इंसाफ ने सभा का जिम्मा अपने ऊपर लिया। उन्होंने सभा को कामयाब करके भी दिखा दिया। इससे संदेश यह गया कि अजमेर में कांग्रेस का वर्चस्व तो है, बस केवल एकजुटता की कमी है। समझा जाता है कि पायलट को अब यह ठीक से समझ में आ गया है कि अगर यहां कांग्रेस को दुरुस्त करना है तो सभी गुटों को साथ लेकर चलना होगा, वरना आगामी विधानसभा चुनाव में दिक्कत आ सकती है।
ज्ञातव्य है कि अजमेर में रलावता के अतिरिक्त पूर्व न्यास अध्यक्ष नरेन शहाणी भगत व निगम मेयर कमल बाकोलिया को पायलट खेमे का माना जाता है। ऐसी चर्चा है कि अब पायलट स्वयं यह कहने लगे हैं कि उनके अनुमान व चयन में कहीं न कहीं त्रुटि हुई है। जिनके पास जनाधार था, वे तो दूर हो गए, नतीजतन संगठन कमजोर हो गया। बताया जाता है कि अब पायलट नए सिरे से चौसर बिछाने का मूड बना रहे हैं। इसके चलते वे नाराज गुटों को भी सामंजस्य बैठा कर चलने की कोशिश में जुट गए हैं। बताया तो यहां तक जाता है कि पिछली कामयाब सभा का संबंध भी इसी कोशिश से जुड़ा हुआ है। जानकारी ये भी है कि संगठन को मजबूत करने के लिए पायलट की डॉ. जयपाल से बात भी हुई है। उसी के बाद से डॉ. जयपाल का रुख कुछ नरम पड़ा है। ताजा नए घटनाक्रम के बाद समझा जाता है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की फिजां कुछ बदली बदली सी नजर आ सकती है।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें