शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

पहले दौर में रह ही गए देवनानी व अनिता भदेल

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंत्रीमंडल गठन के पहले दौर में अजमेर जिले से सर्वाधिक अपेक्षित नसीराबाद विधायक प्रो. सांवरलाल जाट को तो स्थान दिया, मगर अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी या अजमेर दक्षिण विधायक श्रीमती अनिता भदेल में से किसी एक को मंत्री बनाए जाने के कयासों पर विराम लगा दिया। दोनों के ही समर्थक अपने-अपने तर्क दे कर अपने नेता को मंत्रीमंडल में शामिल किए जाने के दावे कर रहे थे।
ज्ञातव्य है कि दोनों ही लगातार तीसरी बार जीते हैं। देवनानी एक बार राज्य मंत्री रह चुके हैं, इस कारण इस बार उन्हें केबीनेट नहीं तो कम से कम राज्य मंत्री बनाए जाने की संभावना थी। उनके नाम में इस कारण भी दम था कि वे संघ लॉबी के प्रमुख नेताओं में शुमार हैं। ज्ञातव्य है कि वसुंधरा राजे की इस्तीफा राजनीति के दौरान उन्होंने संघ के इशारे पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। दिक्कत है तो ये कि इस बार एक साथ तीन सिंधी विधायक बने हैं। निम्बाहेड़ा से श्रीचंद कृपलानी व राजगढ़ से ज्ञानदेव आहूजा जीते हैं। आहूजा दूसरी बार विधायक बने हैं, जबकि कृपलानी भी वरिष्ठ हैं व वसुंधरा के करीबी माने जाते हैं। इस कारण चर्चा ये भी थी कि वे सिंधी कोटे में कृपलानी को प्राथमिकता दे सकती हैं। मगर साथ ही संघ लॉबी के दबाव में देवनानी का नाम पक्का माना जा रहा था। दूसरी ओर श्रीमती भदेल अनुसूचित जाति की महिला विधायक होने के साथ-साथ लगातार तीसरी बार जीतने के कारण मेरिट पर मानी जा रही थीं, मगर उनके साथ दिक्कत ये रही कि उनकी दमदार पैरवी करने वाले मात्र प्रदेश उपाध्यक्ष औंकार सिंह लखावत हैं। जहां तक इस्तीफा राजनीति का सवाल है, अफवाह यही है कि भदेल ने इस्तीफे पर साइन किए थे, मगर इसकी आज तक पुष्टि नहीं हो पाई।
अब चर्चा ये है कि चूंकि फिलहाल किसी सिंधी को शामिल नहीं किया गया है, इस कारण देवनानी की संभावना बरकरार है, जबकि श्रीमती भदेल इस कारण सब्र रख सकती हैं कि अभी एक भी महिला को मंत्री बनने का मौका नहीं मिला है। वैसे इतना पक्का है कि इन दोनों में से ही मंत्री बनेगा, चूंकि दोनों एक ही शहर से हैं। जहां तक पहले दौर में चांस न मिलने का सवाल है, तो माना जाता है कि चूंकि सर्वाधिक चार मंत्री अजमेर संभाग से हैं और उनको पहले मौका दिया जाना जरूरी था, इस कारण देवनानी व भदेल का नंबर नहीं आ पाया। उल्लेखनीय है कि प्रो. सांवरलाल जाट, यूनुस खान, कैलाश मेघवाल व अजय सिंह किलक अजमेर संभाग से हैं। कुल मिला कर देवनानी व भदेल के समर्थकों को कुछ दिन और इंतजार करना होगा।

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