रविवार, 16 मार्च 2014

हेमंत भाटी को हराने वाले कई नेता कांग्रेस से बाहर होंगे

विधानसभा चुनाव में अजमेर दक्षिण के कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत भाटी को हराने वाले कई कांग्रेसियों पर जल्द ही गाज गिरने वाली है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने अत्यंत गोपनीय तरीके से पता लगवाया है कि इस लगभग जीती हुई सीट पर भाटी कैसे हार गए। जानकारी के अनुसार भाटी को हराने वाले कांग्रेसियों में मुख्य: अनुसूचित जाति के ही नेताओं की भूमिका रही है, जिनमें कुछ पार्षद भी शामिल हैं, जिन्होंने भरपूर सेवा-पूजा लेने के बाद भी भाटी के लिए काम नहीं किया। नतीनजन अनुसूचित जाति बहुल वार्डों में भी कांग्रेस को वोट कम मिले। असल में वे नहीं चाहते थे कि भाटी स्थापित हों और उनके लिए आगे का रास्ता बंद हो जाए। सब जानते हैं कि भाटी को टिकट दिलवाने में पायलट की अहम भूमिका रही और उनका हारना उन्हें नागवार गुजरा है। स्वाभाविक रूप से इससे पायलट की किरकिरी हुई है, भले ही हारने की एक प्रमुख वजह ये रही हो कि कांग्रेस हाईकमान ने अजमेर उत्तर से किसी सिंधी को टिकट नहीं दिया और सिंधियों ने अजमेर  दक्षिण में कांग्रेस को निपटा दिया। चलो, सिंधियों ने वोट नहीं दिया, मगर कांग्रेस मानसिकता के अनुसूचित जाति के वोट भी भाटी को नहीं मिले, तो इसका सीधा सा अर्थ ये है कि अनुसूचित जाति के नेताओं ने खुरापात की। इसे सचिन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं कर सकते, लिहाजा उन्होंने गोपनीय तरीके से पता लगवाया है कि वे कौन-कौन थे, माल भी खाया और कांग्रेस का माजना भी खराब करवा दिया। ये नेता सोच रहे थे कि पूरे प्रदेश में ही कांग्रेस विरोधी लहर थी, इस कारण उनकी बदमाशी छुप जाएगी, मगर सचिन ने सब कुछ पता लगवा लिया है। अब वे जल्द ही कांग्रेस की खा कर कांग्रेस की ही बारह बजाने वाले उन नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता निकालने का कदम उठाने वाले हैं। इतना ही नहीं निष्क्रिय रहे कुछ पार्षदों के लिए इस बार फिर से टिकट हासिल करना सपना मात्र रह जाएगा।
बुरा न मानो होली है

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