रविवार, 2 मार्च 2014

रेणु जयपाल का तीसरा तबादला : मजाक बन गए स्थानांतरण

राज्य सरकार ने 34 आरएएस अधिकारियों के तबादले की जो नई सूची जारी की है, उसमें अजमेर विकास प्राधिकरण की सचिव रेणु जयपाल का नाम भी है। ये विडंबना है या मजाक कि चंद दिनों में ही उनका यह तीसरा तबादला है। इससे पूर्व हुए तबादलों में उन्हें आयुर्वेद विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर नियुक्त किया था। इसके बाद उनका तबादला एडीए अजमेर सचिव के पद पर किया गया। अब उन्हें वहां से भी हटाकर रजिस्ट्रार, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के पद पर लगाया गया है। हालांकि ये पता नहीं लगा है कि यह उनकी इच्छा से हुआ है या फिर फुटबाल के रूप में, मगर इतना तय नजर आ रहा है कि सरकार के पास इच्छाशक्ति का अभाव है और वह अनेक दबावों के बीच रोज निर्णय बदल रही है। ज्ञातव्य है कि इसी प्रकार आरएएस अनुराग भार्गव का लगातार दो बार तबादला करने पर फेसबुक पर प्रतिक्रिया की थी कि वाट ए सिस्टम? मैं फुटबाल की तरह महसूस कर रहा हूं, जिसे यहां से वहां फेंका जा रहा है, पहले हर 4-5 महीनों में, अब तो यह दिन और घंटों की बात हो गई है।
बेशक मैच्योर अधिकारी रेणु जयपाल ने अपने तीसरे तबादले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की है, मगर जिस ढंग से तबादले किए जा रहे हैं, उससे तो यही साबित होता है कि अधिकारी सरकार के लिए मोहरा मात्र हैं, जिन्हें जब चाहे, जहां चाहे रखा जा रहा है। ऐसे में ये तबादले एक मजाक ही नजर आते हैं।
ज्ञातव्य है कि सरकार इससे पहले लगातार दो सूचियां जारी कर चुकी है, जिनमें 454 और 94 अधिकारियों के नाम थे। दूसरी सूची में कई ऐसे अधिकारी भी थे, जिनका तबादला निरस्त कर उन्हें अन्य स्थानों पर लगाया गया था। स्वाभाविक रूप से तबादलों की इस कवायद में प्रशासनिक सुधार कम, तुष्टिकरण ज्यादा नजर आ रहा है।
-तेजवानी गिरधर

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