बुधवार, 5 मार्च 2014

आम आदमी पार्टी की अदिति मेहता पर नजर

ऐसी चर्चा है कि आसन्न लोकसभा चुनाव के लिए अजमेर संसदीय क्षेत्र से आम आदमी पार्टी में अजमेर की पूर्व जिला कलेक्टर श्रीमती अदिति मेहता पर गहन चर्चा हो रही है। हालांकि एक बड़ा गुट अभी आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य शहनाज हिंदुस्तानी के ही पक्ष में है, मगर कुछ कार्यकर्ताओं ने अदिति मेहता पर विचार करने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है।
अजमेर जिले के लोग उनसे भलीभांति परिचित हैं। जब वे यहां कलेकटर थीं, बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की वजह से स्टील लेडी के रूप में चर्चित रहीं। उन्हीं के प्रयासों से अजमेर जिले को पूरे उत्तर भारत में संपूर्ण साक्षर जिले का गौरव हासिल हुआ। वे अजमेर की संभागीय आयुक्त भी रही हैं। उन पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत का वरदहस्त था। आकर्षक व्यक्तित्व की धनी अदिति 1979 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और पश्चिम-बंगाल में पली-बढ़ी हैं। अपने मूल काडर राजस्थान में अदिति ने उदयपुर, कोटा, अजमेर में जिला कलक्टर पदों पर सेवाओं के अलावा चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, वित्त, योजना, पंचायतीराज विभाग, कला एवं संस्कृति व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में भी सेवाओं का अनुभव लिया है। वे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रिंसीपल सेक्रेट्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव, कला एवं संस्कृति एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण, जयपुर और मुख्य सचिव-कम-महानिदेशक,  जवाहर कला केन्द्र, जयपुर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं। अदिति अपने कार्यकाल में ही 52 सप्ताह के लिए अमेरिका में हावर्ड यूनिवर्सिटी पढ़ाई के लिए जा चुकी हैं। साथ ही उन्होंने चार दिन का बांग्लादेश का दौरा भी 2002 में किया था।
अगर वे चुनाव लडऩे के ऑफर पर राजी हो जाती हैं तो बेशक एक बेहतरीन प्रत्याशी हो सकती हैं। जीतने के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, मगर परफोर्म तो अच्छा कर ही लेंगी। उनकी दिक्कत है तो ये कि नई पीढ़ी के लोग उन्हें शायद न जानते हों। उनका जातिगत जनाधार भी नहीं है। बात अगर शहनाज हिंदुस्तानी से तुलना करते हुए करें तो उनकी तरह तेज-तर्रार वक्ता भी नहीं हैं। बेशक शहनाज की पार्टी आलाकमान में अच्छी पकड़ हैं, क्योंकि वे स्थापना से जुड़े हुए हैं और पार्टी की रीति-नीति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। ज्ञातव्य है कि जब से अजमेर की प्रभारी श्रीमती कीर्ति पाठक को अपदस्त किया गया है, वे यहां पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। जनलोकपाल बिल पास नहीं होने के विरोध और अरविंद केजरीवाल के त्यागपत्र के समर्थन में उनके नेतृत्व में रैली भी निकाली गई। उन्हें मुस्लिम होने का लाभ मिल सकता है। ज्ञातव्य है कि अजमेर संसदीय क्षेत्र में तकरीबन सवा लाख मुस्लिम मतदाता हैं। कांग्रेस से नाराज मुस्लिमों के लिए एक विकल्प हैं। असल में उन्हें कीर्ति पाठक विरोधी धड़े का पूरा समर्थन हासिल है। वे काफी ऊर्जावान कवि माने जाते हैं। अदिति व शहनाज के अतिरिक्त अजय सोमानी व डॉ. बी.एस. रावत के नाम की भी चर्चा है।
खैर, जो कुछ भी हो अधिकृत प्रत्याशी घोषित होने तक अजमेर के आसमान में कुछ इसी तरह अफवाहों की अबाबीलें उड़ती रहेंगी।
-तेजवानी गिरधर

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