सोमवार, 10 मार्च 2014

अजमेर के लिए आडवाणी का नाम भी चर्चा में

पिछले दो दिन से अजमेर में ऐसी चर्चा है कि भाजपा के शीर्ष पुरुष पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी अजमेर से चुनाव लड़ सकते हैं।  पहले तो यह कयास और गप्प मात्र लगी, मगर जब पता लगा कि ऊपर के इशारे पर अजमेर से किसी सिंधी को टिकट देने की मांग से संबंधित पत्र भाजपा हाईकमान को भेजे गए हैं तो इसमें तनिक सच्चाई महसूस की गई। हालांकि इस खबर की पुष्टि करना बेहद कठिन है, मगर जिस प्रकार की कवायद हो रही है, उससे तो यही लगता है कि हो सकता है कि आडवाणी के लिए अजमेर का विकल्प भी रखा गया हो।
ज्ञातव्य है कि अजमेर संसदीय क्षेत्र में तकरीबन एक लाख सिंधी मतदाता हैं और यह भी सर्वविदित है कि सिंधियों का रुझान भाजपा की ओर रहता है। आडवाणी प्रत्याशी हों और यदि साठ फीसदी मतदान भी हो तो उनके वोटों की गिनती साठ हजार से आरंभ होगी। यूं भी इस बार भाजपा को यह सीट जीती हुई इस कारण प्रतीत होती है क्योंकि संसदीय क्षेत्र की सभी आठों विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। और अगर आडवाणी मैदान में आ जाएं तो उनकी जीत सुनिश्चित हो सकती है।
यहां आपको बता दें कि कांग्रेस अजमेर सीट पर दो बार सिंधी को मैदान में उतार चुकी है, इनमें आचार्य भगवान देव तो जीते और किशन मोटवानी हार गए थे। भाजपा यदि आडवानी को टिकट देती है तो उसका यहां किसी सिंधी को टिकट देने का पहला मौका होगा।
वैसे पिछले कुछ दिनों से यहां किसी सिंधी को टिकट दिए जाने पर विचार होने की चर्चा रही है। इसमें विधायक त्रय प्रो. वासुदेव देवनानी, श्रीचंद कृपलानी व ज्ञानदेव आहूजा का नाम उभरा था। वैसे शहर जिला भाजपा के प्रचार मंत्री व स्वामी समूह के सीएमडी कंवल प्रकाश किशनानी का दावा भी पिछले दिनों भाजपा का अंदरुनी वोटिंग में उभरा था।

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