गुरुवार, 27 मार्च 2014

जारी है आम आदमी पार्टी में कलह

अजमेर में अन्ना हजारे के आंदोलन से लेकर आम आदमी पार्टी की स्थापना से जारी कलह लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में अजय सोमानी की घोषणा के बाद भी जारी है। कई कार्यकर्ता पार्टी हाईकमान के इस निर्णय से नाराज हैं। कुछ खुल कर बोल रहे हैं तो कुछ अंदर ही अंदर कुढ़ रहे हैं। अनेक कार्यकर्ता असहयोग का रुख अपनाए हुए हैं। वे अपने घरों से ही बाहर नहीं निकल रहे। नील शर्मा उर्फ श्याम सुंदर शर्मा, सरस्वती चौहान व मौंटी राठौड़ उर्फ  पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ सरीके कर्मठ कार्यकर्ताओं ने तो पार्टी छोडऩे का ही ऐलान कर दिया है। उन्होंने अपने त्याग पत्र में लिखा है कि पार्टी अपने सिद्धांतों से भटक गई और पार्टी संविधान का प्रतिदिन उल्लंघन हो रहा है। केजरीवाल की नीतियों को उन्होंने अराजकतावादी करार दिया है। वे खुद ही संविधान बनाते हैं और खुद की उसका उल्लंघन करते हैं।
समझा जा सकता है कि पार्टी की इस हालत का सोमानी को नुकसान उठाना पड़ेगा। बहरहाल, इन हालात के चलते सोमानी के मन में निराशा का भाव आ सकता है। नामांकन पत्र भरने के बाद अपेक्षित उत्साह व सक्रियता नहीं दिखाये जाने से कार्यकर्ता हतप्रभ और सशंकित हैं।
कहने की जरूरत नहीं है कि सोमानी को लेकर आरंभ से आम सहमति नहीं थी। उनको रिजेक्ट कर दिया गया था और आखिरी विकल्प के रूप में एनजीओ चलाने वाले प्रिंस सलीम का नाम फाइनल कर दिया गया था। अगर वे आखिरी क्षणों में आनाकानी नहीं करते तो सोमानी का नंबर आता ही नहीं।

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