शनिवार, 19 जुलाई 2014

गोरान निर्दोष थे तो एफआईआर में जिक्र ही काहे को किया

इसे एसीबी की बेवकूफी या अतिरिक्त चतुराई ही कहा जाएगा कि जब पुलिस थानों से मंथली लेने के मामले में गिरफ्तार अजमेर के पूर्व एसपी राजेश मीणा के प्रकरण से राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष हबीब खान गोरान का कोई लेना-देना ही नहीं था तो उनका जिक्र एफआईआर में किया ही क्यों? यही वजह है कि आज जब कि आयोग विभिन्न कारणों से विवादों में आ गया है और गौरान पर हमले हो रहे हैं तो इस प्रकरण को विधानसभा में भी उठाया जा रहा है। 
असल में एफआईआर में ठठेरा के गोरान के घर भी जाने के जिक्र की वजह से ही निलंबित एसपी मीणा की ओर से पेश जमानत याचिका में यह सवाल उठाने उठाने का मौका मिल गया कि उनको भी नामजद क्यों नहीं किया गया। एसीबी की कार्यवाही कितनी गोपनीयता कितनी लचर थी, इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि जैसे ही मीण को गिरफ्तार किया गया तो यह बात भी उजागर हुई कि दलाल ठठेरा आयोग के किसी बड़े अधिकारी के घर भी गया था, तभी उसका नाम उजागर करने के लिए आयोग के समक्ष प्रदर्शन किया गया।
बेशक, इस पूरे प्रकरण में सचमुच क्या हुआ, इसके लिए एसीबी पर ही यकीन करना होगा क्योंकि जांच एजेंसी वही है, मगर एसीबी के कार्यवाहक महानिदेशक अजीत सिंह का मात्र इतनी सफाई देना ही पर्याप्त नहीं कि गोरान की इस मामले में संलिप्तता नहीं पाई गई और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। कैसी विडंबना है कि पहले खुद ही गोरान का नाम एफआईआर में शामिल किया और फिर खुद की खंडन कर दिया कि उनके बारे में कोई सबूत नहीं मिला है। वो भी तब जब निलंबित एसपी मीणा ने अपनी जमानत अर्जी में सवाल उठाया था। वरना यह पता ही नहीं लगता कि एसीबी ने कहां चूक की है।
जब अजीत सिंह ने यह कहा था कि गोरान बिलकुल निर्दोष हैं तो उन्हें यह भी बताना होगा कि आखिर किस तरह? आयोग अध्यक्ष का पद संवैधानिक है और आयोग की बड़ी गरिमा है, उसके बारे में यदि कोई संशय पैदा होता है तो उस पर सफाई होना बेहद जरूरी है। सिंह को यह बताना ही चाहिए कि ठठेरा ने गोरान के घर पर जाने का क्या कारण बताया है? फरार आरपीएस लोकेश सोनवाल के घर से निकलते समय जो बैग लेकर वह गोरान के घर गया और बाहर निकला तो बैग उसके हाथ में नहीं था, उस बैग में क्या था? सिंह को ये भी बताना चाहिए कि क्या उन्होंने इस बारे में गोरान से भी कोई पूछताछ की थी? यदि पूछताछ की थी तो उन्होंने ठठेरा के आने की क्या वजह बताई? अगर वे ऐसा नहीं करते तो आयोग अध्यक्ष गोरान व्यर्थ ही संदेह से देखे जाते रहेंगे।
-तेजवानी गिरधर

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