गुरुवार, 14 अगस्त 2014

सारस्वत के खाते में एक और उपलब्धि दर्ज

देहात जिला भाजपा अध्यक्ष कांग्रेसी बोर्ड में भाजपा का उपाध्यक्ष प्रो. बी. पी. सारस्वत के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। उनकी कुशल रणनीति से पुष्कर नगर पालिका में कांग्रेस का बोर्ड होने के बाद भी डेढ़ साल से खली पड़ी उपाध्यक्ष की सीट पर भाजपा का कब्जा हो गया। उपाध्यक्ष पद के लिए संपन्न हुए उपचुनाव में भाजपा के पुष्कर नारायण भाटी विजयी रहे जिन्होंने कांग्रेसी उम्मीदवार हरिशचंद धोलपुरिया को 1 मत से हराया। विजयी प्रत्याशी को 17 में से 9 तथा उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को 8 मत मिले।
असल में क्रॉस वोटिंग की आशंका के चलते सारस्वत सहित विधायक सुरेश सिंह रावत ने पार्षदों को अपनी कमान में रखा। वे चुनाव प्रक्रिया के दौरान भी पालिका कार्यालय में ही डेरा डाल कर बैठे रहे। नतीजतन एक भी सदस्य क्रॉस वोटिंग नहीं कर सका।
ज्ञातव्य है कि पालिका बोर्ड के गत पांच साल पूर्व हुए चुनाव के दौरान नजदीक के गांव कानस, नेडलिया समेत पांच गांव शामिल थे। इन गांवों को तीन वार्डों में बांटा गया था। ग्राम नेड़लिया के कांग्रेस समर्थक बुद्धा सिंह रावत उपाध्यक्ष चुने गए। डेढ़ साल पूर्व राज्य सरकार ने पांच गांव दोबारा पालिका सीमा से बाहर कर दिए। इस कारण तीनों ग्रामीण वार्डों का अस्तित्व खत्म हो गया तथा उपाध्यक्ष रावत समेत तीनों वार्ड पार्षदों की सदस्यता समाप्त हो गई। उपाध्यक्ष रावत की सदस्यता समाप्त होने से पालिका बोर्ड में उपाध्यक्ष पद रिक्त हो गया था।
बहरहाल, संगठन प्रमुख के नाते एक और उपलब्धि सारस्वत के खाते में दर्ज हो गई है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में उन्हीं के नेतृत्व में  देहात जिले की सभी छहों सीटों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया था। हालांकि जीत में मोदी लहर को भी एक वजह माना गया, मगर उनकी कार्यकुशलता भी काउंट की गई। कदाचित इसी वजह से पार्टी ने उन्हें सेवा के काम में ही लगा दिया और दुबारा से देहात जिला अध्यक्ष का जिम्मा सौंप दिया। हालांकि भाजपा की सरकार आने के बाद लग रहा था कि सारस्वत को उनकी सेवा का लाभ मिलेगा और वे अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अथवा किसी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर बनाए जाएंगे, मगर ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी किस्मत में केवल सेवा ही लिखी है।

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