गुरुवार, 27 नवंबर 2014

पायलट की एवज में मिले जाट से कितनी होंगी उम्मीदें पूरी?

जैसे फिल्मी दुनिया और गैंबलिंग में स्टार्स की अहम भूमिका होती है, कुछ ऐसा ही राजनीति में भी होता है। कौन कब सैंचुरी बना ले और कौन कब जीरो पर आउट हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ ऐसा ही अजमेर की राजनीति में हुआ। जिन प्रो. सांवरलाल जाट को पिछले से पिछले लोकसभा चुनाव में अजमेर से लडऩे के योग्य नहीं मान कर किरण माहेश्वरी को उतारा गया, उन्हीं को पिछले चुनाव में राज्य सरकार के केबीनेट मंत्री पद का मोह त्याग कर जबरन उतारा गया और उनका सितारा इतना बुलंद था कि वे न केवल शानदार वोटों से जीते, अपितु जिन सचिन पायलट को हराया, उन्हीं के कद के बराबर राज्य मंत्री पद भी हासिल कर लिया। बेशक कुछ लोगों को सचिन जैसे दमदार मंत्री को खोने का मलाल हो सकता है, मगर अजमेर के लिए यह संतोषजनक बात है कि उसे मंत्री के रूप में सचिन की जगह जाट मिल गए हैं। अब सवाल ये उठता है कि क्या उनकी परफोरमेंस भी वैसी ही रहेगी, जैसी कि सचिन की रही थी?
यह एक सच्चाई है कि भले ही सचिन पर ये आरोप लगाया जाता रहा कि वे सिर्फ हवाई दौरे करते थे व स्थानीय नेताओं को खास तवज्जो नहीं देते थे, मगर साथ ही आम धारणा ये भी है कि उन्होंने अजमेर के लिए पहली बार कुछ किया जबकि पांच बार भाजपा के सांसद रहे प्रो. रासासिंह रावत कुछ नहीं कर पाए। एक मात्र यही वजह थी कि मोदी लहर के बाद भी कई लोग मानते थे कि उन्होंने जो काम किए हैं, उसकी एवज में जनता उनको नवाज सकती है। कदाचित इसी बात का गुमान खुद सचिन को भी था। वे खुद सभाओं में कहते नजर आए कि उन्हें काम के आधार पर वोट दिया जाए, अगर ऐसा नहीं हुआ तो राजनेताओं का यह विश्वास टूट जाएगा कि जनता की सेवा करने पर वह मेवा देती है। खैर, सचिन का विश्वास तो मोदी की आंधी में धराशायी हो गया, मगर आज भी लोग सचिन को याद तो करते ही हैं। अब सवाल ये उठता है कि क्या उनकी एवज में मिले प्रो. जाट अजमेर के लिए कुछ कर पाएंगे?
जहां तक हालात का सवाल है, दोनों में कुछ समानता है। सचिन की तरह ही जाट के कार्यकाल में राजस्थान में खुद की पार्टी की सरकार है। यानि कि यदि वे कोई ऐसी योजना लाते हैं, जिसमें कि राज्य की भी भागीदारी जरूरी है तो उन्हें दिक्कत पेश नहीं आएगी। जिस प्रकार सचिन कांग्रेस हाईकमान के खासमखास हैं, उसी तरह जाट का भी जितनी जद्दोजहद के बाद मनोनयन हुआ है, उससे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोच समझ कर ही उन्हें मंत्री पद दिया है। दो मामलों में जाट सचिन से आगे हैं। एक ये कि सचिन कांग्रेस हाईकमान की राय से चलने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की टीम में थे, जब कि जाट को एक ऐसे प्रधानमंत्री के साथ काम करने का मौका मिला है, जिन्होंने जनता की उम्मीदें बहुद ज्यादा जगा रखी हैं। कम से कम फिलहाल तो यही माना जा रहा है कि वे कुछ नया व युगांतरकारी कर दिखाने वाले हैं। दूसरा ये कि सचिन की तो फिर भी तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कोई खास ट्यूनिंग नहीं थी, मगर जाट की तो मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे से जबरदस्त घनिष्ठता रही है। वे वसुंधरा के संकट मोचक के रूप में जाने जाते रहे हैं। इसके अतिरिक्त एक केबीनेट मंत्री के रूप में भी उन्हें यहां काम करने का अनुभव हासिल है, इस कारण यहां के प्रशासनिक तंत्र के मिजाज से भी अच्छी तरह से वाकिफ हैं। राज्य सरकार के कामकाज की बारीकी से भी वे अच्छी तरह से परिचित हैं। इसके अतिरिक्त उनका साथ देने को दो राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी व अनिता भदेल सहित जिले के सात विधायक तैयार हैं। जाट अजमेर में ही जन्मे हैं, इस कारण सचिन की तुलना में न केवल उनके स्थानीय संपर्क बेहतर हैं, अपितु यहां की जरूरतों को भी अच्छी तरह से जानते हैं। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि वे सचिन से कहीं बेहतर काम करके दिखा सकते हैं। बस जरूरत है तो इस बात की उनमें कुछ कर दिखाने का शिद्दत कितनी है। सब जानते हैं कि जब पहली बार सचिन अजमेर आए थे तो स्थानीय कांग्रेसियों को बड़ी तकलीफ हुई थी। बड़ी मुश्किल से जा कर वे अपनी जाजम बिछा पाए थे, मगर अजमेर को ही अपनी कर्मभूमि बनाने की खातिर उन्होंने जम कर काम किया। दूसरी ओर जाट स्थानीय होने के कारण नए सिरे से जाजम बिछाने की जरूरत नहीं समझते होंगे, मगर इतना तय है कि उन पर कुछ कर दिखाने का दबाव ज्यादा रहेगा, वरना अगली बार दिक्कत पेश आ सकती है।
जाट कैसा काम कर पाएंगे, इसका अनुमान फिलहाल इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने विचारधीन व निर्माणाधीन योजनाओं को पूरा करने के प्रति अपनी रुचि दिखाना शुरू कर दिया है। ये उनका सौभाग्य है कि उनके कार्यकाल में ही अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अमेरिका से दो सौ करोड़ मिलने जा रहे हैं। ये काम भले ही केन्द्र की पहल पर शुरू हो रहा है, जिसमें फिलवक्त जाट की कोई भूमिका नहीं है, मगर इसके पूरा होने का सारा श्रेय वे हासिल कर सकते हैं।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

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