रविवार, 30 नवंबर 2014

अजमेर के विकास का इससे स्वर्णिम मौका फिर शायद न मिले

अजमेर के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका है और शायद भविष्य में यह स्वर्णिम अवसर फिर नहीं मिलेगा कि यहां की चार शख्सियतें एक साथ केन्द्र व राज्य सरकारों में मंत्री हों। पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वरिष्ठ भाजपा नेता श्री ओंकार सिंह लखावत को राजस्थान पुरा धरोहर संरक्षण प्राधिकरण का अध्यक्ष बना का राज्य मंत्री का दर्जा दिया। इसके बाद हाल ही मंत्रीमंडल विस्तार में अजमेर उत्तर के भाजपा विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी व अजमेर दक्षिण की विधायक श्रीमती अनिता भदेल को  राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद अजमेर के सौभाग्य में चार चांद लगे, जब अजमेर के भाजपा सांसद प्रो. सांवरलाल जाट को केन्द्र सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया। समझा जा सकता है कि केन्द्र व राज्य सरकारों ने अजमेर को कितनी तवज्जो दी है। अजमेर के राजनीतिक इतिहास में इससे बड़ा स्वर्णिम मौका शायद ही कभी आए।
बमुश्किल जागे अजमेर के इस सौभाग्य के साथ ही यहां के वासियों में अपेक्षाएं जाग गई हैं। अब हर नागरिक ये सोचता है कि यहां का ऐसा विकास होगा, जो कभी नहीं हो पाया। अब अजमेर भी विकास के मामले में अपने समकक्ष शहरों के बराबर खड़ा हो सकेगा। कदाचित इन मंत्रियों को भी इस बात का भान है, क्योंकि वे लगातार जनता के संपर्क में हैं। ऐसे में सभी पर यह महती जिम्मेदारी आ गई है कि वे जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरें। अजमेर का सौभाग्य इस वजह से भी उदित हुआ है कि केन्द्र सरकार ने अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का निर्णय किया है, जिसके लिए अमेरिका मदद करेगा। यानि कि दरगाह ख्वाजा साहब व तीर्थराज पुष्कर के कारण पूरी दुनिया में मशहूर ऐतिहासिक अजमेर देश में चंद विशेष शहरों में शुमार हो जाएगा। मगर यह तभी होगा, जबकि अजमेर के ये मंत्री  इस योजना के अमल पर पूरी पकड़ रखेंगे। उन्हें इस काम को प्रशासनिक तंत्र के भरोसे नहीं छोडऩा चाहिए। चूंकि अजमेर वासियों का अब तक का अनुभव ठीक नहीं रहा है, इस कारण इस बात को रेखांकित करने की जरूरत पड़ रही है। सबको पता है कि अजमेर में सीवरेज योजना का क्या हश्र हुआ है? सबको जानकारी है कि स्लम फ्री सिटी की योजना पर किस गति से काम हो रहा है? सबको ज्ञात है कि हेरिटेज सिटी बनाने के आदेश पर किस प्रकार अमल हो रहा है? दरगाह विकास के लिए बनी तीन सौ करोड़ की योजना कागजों तक ही सीमित रह जाने को भी अजमेर वासी नहीं भूले हैं। शहर में ऐलीवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव भी अभी तक ठंडे बस्ते में ही पड़ा है। मगर, अब उम्मीद है कि ये सारी योजनाएं तो ठीक से अमल में लाई ही जाएंगी ही और भी योजनाओं के भी प्रस्ताव तैयार होंगे।
-तेजवानी गिरधर

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