शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

भाजपा के पास है केवल स्मार्ट सिटी का पुराना झुनझुना

नगर निगम चुनाव के लिए आगामी 17 अगस्त को मतदान होगा। वोट देने के प्रति लोगों में उत्साह भी भरपूर नजर आ रहा है। मगर अफसोस कि मतदाता को यह तक पता नहीं कि दोनों दलों के पास अजमेर के लिए ठोस एजेंडा क्या है? भाजपा जहां पहले से घोषित स्मार्ट सिटी का पुराना झुनझुना पकड़ा रही है, वहीं कांग्रेस के पास केन्द्र व राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा कोसने का अलावा कोई ठोस ब्लू प्रिंट नहीं है। ऐसे में मतदाता को ये पता ही नहीं कि वह शहर के कैसे विकास के लिए वोट डालने जा रहा है?
जहां तक स्मार्ट सिटी का सवाल है, उसकी तो काफी पहले ही घोषणा हो चुकी है। उसका प्रारूप क्या होगा, ये अभी तक ठीक से पता भी नहीं है, फिर भी भाजपा नेता उसी स्मार्ट सिटी की बांसुरी बजा कर मतदाता को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि हकीकत ये है कि स्मार्ट सिटी बनाने में नगर निगम की अपनी ओर से कोई भूमिका नहीं है। जो भी होना है वह स्मार्ट सिटी के मानकों के अनुरूप और अमेरिकी मदद से होना है। फंडिग से भी उसका कोई लेना देना नहीं है। यानि कि ऐसा सपना बेचा जा रहा है, जो खुद भाजपा नेताओं तक ने नहीं देखा है। कितनी अफसोसनाक बात है कि केन्द्र व राज्य में भाजपा की ही सरकार होने के बावजूद भाजपा के पास शहर के लिए अपनी कोई सोच नहीं है। न तो शहर को अतिक्रमण से मुक्त करने की कोई ठोस योजना है और न ही बेहद पीड़ादायक यातायात को सुगम बनाने का एजेंडा। ढ़ांचागत विकास का तो कोई विजन ही नहीं है। राज्य के दोनों मंत्रियों तक के मुंह से ये नहीं निकल रहा कि यदि जनता भाजपा का बोर्ड बनवा देगी तो वे अजमेर के लिए कौन सी योजना लाएंगे, क्या करवाएंगे या फिर राज्य व केन्द्र से क्या अतिरिक्त दिलवाएंगे?
इसी प्रकार कांग्रेस नेता भी ये नहीं बता पा रहे कि आखिर उनका बोर्ड बना तो करेंगे क्या? कितनी खेदपूर्ण बात है कि दोनों पार्टियों ने अपनी बैठकें कर शहर के विकास का कोई घोषणा पत्र जारी नहीं किया है। हालांकि अलग अलग वार्डों में चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों ने विकास करवाने का वादा तो किया है, मगर यह एक व्यापक शब्द है, किसी ने भी यह नहीं बताया कि वह विकास के नाम पर शहर में क्या-क्या करेगा? हो सकता है, प्रत्याशियों ने अलग-अलग मतदाता समूहों के बीच उनकी समस्याओं के समाधान का वादा किया हो, मगर किसी ने भी लिपिबद्ध घोषणा पत्र जारी नहीं किया। जो कुछ भी वादा किया वह मौखिक है, जो अखबारों में कुछ छपा और कुछ नहीं छपा। लिखित घोषणा पत्र जारी करने की किसी भी प्रत्याशी या पार्टी को सुध नहीं रही। पार्टियां बाकायादा लिखित घोषणा पत्र जारी करती तो एक तो वे उसे पूरा करने को प्रतिबद्ध होतीं और मतदाता को भी पता होता कि वह किस घोषणा पत्र को पसंद करके वोट डाल रहा है। अब जब लिखित वादा किया ही नहीं तो उसे पूरा करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। कल कोई गला तो नहीं पकड़ पाएगा कि यह वादा क्यों नहीं पूरा किया? समझा जाता है कि इसी डर से लिखित घोषणाएं नहीं कीं कि उन्हें पूरा नहीं करवा पाने पर वे असफल करार दे दिए जाएंगे। वादा किया तो उसे पूरा करने का दायित्व भी आएगा, इस कारण वादा करो ही नहीं। न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी।
यानि कि स्थानीय स्तर के इस चुनाव में मतदाता के मस्तिष्क में यह नहीं है कि वह कैसे शहर के लिए मतदान करने जा रहा है। वह केवल राजनीतिक विचारधारा के आधार पर वोट डालने को मजबूर है। धरातल की सच्चाई ये भी है कि वह अकेले राजनीतिक आधार पर ही नहीं, अपितु जातिगत आधार पर भी वोट डालेगा। शहर का विकास जाए भाड़ में।
मगर यह स्थिति पूरे उत्तर भारत में सर्वप्रथम घोषित पूर्ण साक्षर अजमेर के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। माना जाता है कि यहां का मतदाता काफी समझदार और पढ़ा-लिखा है, मगर वह समझदारी तभी तो काम में आती जब उसके पास मौजूद विकल्पों में बेहतर-कमतर तय करने का पैमाना होता। अब उसके पास कोई चारा नहीं है। महज दो ही विकल्प हैं, पार्टी और जाति। सूचीबद्ध विकास भविष्य के अंधेरे में छिपा है।
लिपिबद्ध घोषणा पत्र की बात छोड़ भी दें, किसी भी प्रत्याशी ने मीडिया के सामने आने की जरूरत तक नहीं समझी। बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर ध्यान ही नहीं दिया। यह सुस्पष्ट है कि मीडिया एक सशक्त माध्यम है। उसके जरिए अधिकाधिक लोगों तक संदेश जाता है। मीडिया के सामने कही गई बात की अकाउंटेबिलिटी होती है। यदि वह बात पूरी नहीं होती तो कल मीडिया उसे याद दिलवा सकती है। समझा जाता है कि केवल घबराहट की वजह से प्रत्याशी मीडिया का सामना करने को तैयार नहीं हुए। दोनों प्रमुख प्रत्याशियों को धुकधुकी है कि न जाने कैसे सवालों की फायरिंग होगी और वे उसका जवाब दे भी पाएंगे या नहीं।
कुल मिला कर दोनों पार्टियों ने मीडिया से दूरी रखते हुए बिना घोषणा पत्र के वोट मांगे हैं। जनता तो किसी न किसी हिसाब से वोट डालेगी ही। अब यह भविष्य ही तय करेगा कि कौन जीतता है और जीतने वाला कैसे सुंदर अजमेर का सपना संजोये हुए है।
तेजवानी गिरधर
7742067000

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