रविवार, 10 अप्रैल 2016

विधानसभा चुनाव के लिए सिंधी दावेदार जुटे तैयारी में

चेटीचंड के मौके पर निकाले गए जुलूस के दौरान एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने जैसे आगामी विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से किसी सिंधी को ही टिकट दिए जाने की संभावना जताई, जितने भी सिंधी दावेदार हैं, तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि दावेदारी करने की वे पहले भी सोच रहे थे, मगर अब उन्हें लगता है कि इस बार रास्ता साफ है और कोई गैर सिंधी आड़े नहीं आएगा। प्रतिस्पद्र्धा आपस में ही रहेगी।
अजमेर दक्षिण में आने वाले अजयनगर इलाके की पूर्व पार्षद और पिछला नगर निगम चुनाव हार चुकी श्रीमती रश्मि हिंगोरानी कुछ अतिरिक्त ही उत्साहित हैं। उन्होंने चेटीचंड के अवसर पर शहर में कई जगह शुभकामनाओं वाले फ्लैक्स लगवाए। इसके अतिरिक्त जुलूस में भी वे पूरे वक्त शामिल रहीं।  कदाचित उन्हें उम्मीद है कि महिला कोटे में उनका नंबर आ सकता है। इसी प्रकार पूर्व पार्षद सुनिल मोतियानी ने आशागंज में शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन व निगम के पूर्व मेयर कमल बाकोलिया के साथ जुलूस का शानदार स्वागत किया। समझा जाता है कि वे इस बार दावेदारी करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे। रिश्ते में उनके ही भाई पूर्व पार्षद हरीश मोतियानी भी फिर से दावेदारी कर सकते हैं। उन्होंने भी जूलूस में उत्साह के साथ भाग लिया। युवा नेता नरेश राघानी हालांकि अभी अजमेर से बाहर हैं, इस कारण जुलूस में नजर नहीं आए, मगर पिछली बार की तरह वे भी टिकट के लिए पूरी ताकत झोंकने का माद्दा रखते हैं। कर्मचारी नेता हरीश हिंगोरानी पारिवारिक कारणों से व्यस्त हैं, मगर उनसे फारिग होने पर खुल कर दमदार दावेदारी करने से नहीं चूकेंगे। पिछली बार भी उन्होंने गंभीर प्रयास किए थे। दावेदारों की सूची में पूर्व पार्षद रमेश सेनानी का नाम भी शुमार है। राजस्थान सिंधी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. लाल थदानी ने भी इस बार जुलूस में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। हालांकि पिछली बार दावेदारी कर चुके राज दरबार अगरबत्ती वाले राजकुमार और माया मंदिर वाले दीपक हासानी अभी चुप हैं, मगर वे भी चुनाव नजदीक आने पर दावेदारी ठोक सकते हैं। जैन के करीबी बिन्नी जयसिंघानी के भी दावेदारी करने की चर्चा है। एक इंश्योरेंस कंपनी के लीगल अधिकारी जगदीश अबीचंदानी को भी कुछ लोग मैदान खाली देख कर दावेदारी करने के लिए प्रेरित रहे हैं। पिछले कुछ समय से वे सिंधी समाज की गतिविधियों में पूरी तरह से सक्रिय हैं। समझा जाता है कि आने वाले दिनों में कुछ और दावेदार भी सामने आ सकते हैं।
रहा सवाल सबसे प्रबल दावेदार रहे नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष नरेन शहाणी भगत का, तो वे ये यह सोच रहे हैं कि उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप से मुक्त हो जाएं, तो खुल कर मैदान में आ जाएं। इस कारण सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। हालांकि फिलवक्त वे कांग्रेस में नहीं हैं, मगर आरोप से फारिग होने पर कांग्रेस में शामिल होने की जुगत बैठाएंगे।
कुल मिला कर कांग्रेस में मौजूद सिंधी नेता इन दिनों सक्रिय हैं और उम्मीद करते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रतिकूल माहौल होने की संभावना के चलते चुनाव जीतना अपेक्षाकृत आसान रहेगा। खैर, टिकट चाहे जिस सिंधी नेता को मिले, वह जीते या हारे, मगर उसका लाभ अजमेर दक्षिण के कांग्रेस प्रत्याशी को निश्चित मिलेगा, क्योंकि सिंधी समुदाय को दो सौ सीटों वाली विधानसभा में एक भी टिकट न दिए जाने को आधार बना कर मुहिम चलाने का मौका नहीं मिलेगा।
-तेजवानी गिरधर
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