रविवार, 8 जनवरी 2017

सही साबित हुई राजनीतिक पंडित राजेश टंडन की भविष्यवाणी

अजमेर के जाने माने राजनीतिक पंडित वरिष्ठ वकील राजेश टंडन की एक सियासी भविष्यवाणी सही साबित हो गई है। नगर निगम के महापौर के चुनाव से महापौर बने धर्मेन्द्र गहलोत व बनने से रह गए सुरेन्द्र सिंह शेखावत के बीच चल रही कानूनी लड़ाई के दौरान राजेश टंडन ने कहा था कि इन दोनों के विवाद का अंत कोर्ट में नहीं बल्कि मसाणिया भैरवधाम के मुख्य उपासक चंपालाल जी महाराज के दरबार में होगा। हुआ भी वही। रविवार को धाम में दोनों ने महाराज की मौजूदगी में आपसी मतभेद समाप्त करने का संकल्प जाहिर कर दिया। दोनों ने महाराज की साक्ष्य में अपने इस संकल्प के प्रति प्रतिबद्धता भी जाहिर की। ज्ञातव्य है कि दोनों के राजनीतिक गुरू अजमेर नगर परिषद के तत्कालीन सभापति स्वर्गीय श्री वीर कुमार थे। मगर जब राजनीति में अपने पैरों पर खड़े हुए तो शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी व महिला व बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल के बीच बंट गए। गहलोत ने देवनानी का दामन थामा तो शेखावत श्रीमती अनिता भदेल के प्रमुख सलाहकार बन गए।
हालांकि टंडन ने इसे गहलोत की राजनीतिक सूझबूझ करार दिया है, मगर उसे गहलोत की सदाशयता माना जाए तो शायद ज्यादा उचित रहेगा। असल में यह तो शेखावत की सूझबूझ है कि समय रहते उन्होंने भाजपा में वापसी की दिशा में एक कदम उठा दिया है, जो कि उनके राजनीतिक कैरियर के लिए जरूरी था। वैसे भी कानूनी जंग में गहलोत बाजी मार गए थे।  यह उनकी सदाशयता ही है कि शेखावत को गले लगा लिया। कदाचित शेखावत इसी फिराक में थे कि कब और कैसे मुख्य धारा में लौटने का रास्ता अख्तियार किया जाए।

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