शुक्रवार, 3 मार्च 2017

देवनानी को धमकीभरा पत्र लिखने वाली शातिर

नया बाजार स्थित अकबर के किले का नाम अजमेर का किला करने को लेकर जिस तरन्नुम चिश्ती ने शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को धमकी भरा पत्र लिखा है, वह बेशक शातिर है। उसने भाषायी तकनीकी का ख्याल रखते हुए अपना नाम मुल्क की खादिम तरन्नुम चिश्ती लिखा है, जिसका मतलब ये है कि वह मुल्क की खिदमत करने वाली है, जबकि भ्रम ये हो रहा है कि वह अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की खादिम है, क्योंकि उसने नाम के साथ खादिम और चिश्ती लिखा है। वैसे उसने  एक चूक भी की है, वो यह कि खादिम शब्द पुर्लिंग है, अगर वह स्त्री है तो उसे खुद्दामा या खादिमा लिखना चाहिए था, जैसे ख्वाजा साहब के खादिम अपने आप को खुद्दाम-ए-ख्वाजा लिखा करते हैं।
वह है कौन यह तो जांच के बाद ही पता लग पाएगा, मगर उसने भ्रम यह फैलाया है कि वह खादिम है।
दिलचस्प पहलु ये है कि उसने पत्र लिखने का जो समय चुना है, उसके पीछे भी उसका मकसद है। अकबर के किले का नाम अजमेर का किला एवं संग्रहालय कर दिए जाने को काफी वक्त हो गया है। अगर उसे ऐतराज था तो तभी विरोध दर्ज करवाना चाहिए था, मगर उसने ऐसा समय चुना है, जबकि इस वक्त राजस्थान विधानसभा चल रही है। हो सकता है कि उसका ख्याल हो कि इस प्रकार का धमकीभरा पत्र लिखने पर उसकी चर्चा ज्यादा होगी। स्वाभाविक सी बात है कि राज्य के किसी मंत्री को एक समुदाय विशेष का व्यक्ति धमकी देगा तो उससे सनसनी तो होनी ही है, वह भी एक ऐसे ऐतिहासिक स्थल को लेकर जिसके साथ समुदाय विशेष की शख्सियत का ताल्लुक है।
बहरहाल, पुलिस को उस तरन्नुम चिश्ती का तो पता लगाना ही चाहिए, साथ ही इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि कहीं कोई असामाजिक तत्व अजमेर के सांप्रदायिक सौहार्द्र को तो नहीं बिगाडऩा चाह रहा।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

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