मंगलवार, 18 अप्रैल 2017

अपनी ही पार्टी के लोगों से परेशान हैं अजमेर के दोनों मंत्री

एक ओर जहां भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रहा है, वहीं धरातल पर हालात ये है कि राजस्थान सरकार में अजमेर के दोनों मंत्री आगामी विधानसभा चुनाव में चौका लगाने की तैयारी कर रहे हैं, मगर उनकी की पार्टी के लोग उनके लिए कांटे बो रहे हैं। महिला व बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल नगर निगम चुनाव में खोयी जमीन पर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए अजमेर दक्षिण में बड़ी क्रिकेट प्रतियोगिता कर रही हैं, तो शहर भाजपा अध्यक्ष अरविंद यादव की नाराजगी झेल रही हैं तो शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी के खिलाफ उनकी ही पार्टी के लोग षड्यंत्र रच कर ब्राह्मणों को भड़का रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर श्रद्धांजलि सभा के दौरान श्रीमती अनिता भदेल व अरविंद यादव के बीच हुई खटपट हुई, जिससे सत्ता व संगठन के बीच ट्यूनिंग में गड़बड़ उजागर हो गई। श्रीमती भदेल को चिंता है आगामी चुनाव की, लिहाजा अपने निर्वाचन क्षेत्र के 32 वार्डों की क्रिकेट प्रतियोगिता कर युवाओं को जोड़ रही हैं। इसके लिए बाकायदा अजमेर दक्षिण के तीनों मंडल अध्यक्षों व पार्षदों का साथ ले रही हैं, मगर यादव को शिकायत है कि शहर भाजपा को आपने साथ क्यों नहीं लिया। उनकी नजर में यही प्रतियोगिता शहर के सभी 60 वार्डों के लिए आयोजित की जानी थी, मगर यह सवाल अनुत्तरित ही है कि यही विचार मन में रख कर खुद पहल करके उन्होंने खुद ने क्यों नहीं यह प्रतियोगिता करवा ली। मिसाल के तौर पर अगर अनिता भदेल यादव की सलाह मान कर पूरे शहर में यह प्रतियोगिता करवातीं तो यही माना जाता ना कि वे अजमेर उत्तर में अतिक्रमण काहे को कर रही हैं। प्रो. वासुदेव देवनानी कौन से चुप रहने वाले थे? क्या वे उनके विधानसभा क्षेत्र के मंडल अध्यक्षों व पार्षदों को इसमें शिरकत करने से रोक नहीं देते। बहरहाल, अनिता भदेल पार्टी की जमीन मजबूत करने के लिए कुछ कर रही हैं, मगर पार्टी वालों को ही नागवार गुजर रहा है।
उधर प्रो. देवनानी चौथी बार चुनाव लडऩे के लिए कमर कस कर बैठे हैं, मगर पार्टी के लोग ही उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। राजस्थान पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू को सही मानें तो वे कह रहे हैं कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि ब्राह्मण लोग अपने नाम के आगे पंडित क्यों लगाते हैं। इस बारे में किसी के पास कोई सबूत नहीं है। यह सब एक राजनीतिक षड्यंत्र है। मेरी ही पार्टी के कुछ लोग इसके पीछे हैं, जिनकी शिकायत में जल्द ही प्रदेश नेतृत्व को करूंगा। अगले विधानसभा चुनाव में चौका लगाने को आतुर प्रो. देवनानी साफ कह रहे हैं कि यह सब मामले पार्टी तय करती है, मगर जहां तक मेरी इच्छा का सवाल है, तो जरूर लडऩा चाहता हूं, चूंकि पार्टी द्वारा उम्र, परफोरमेन्स, छवि आदि के बारे में तय किसी भी फार्मेूले में मैं फिट हूं। कैसी विडंबना है कि वे अजमेर में पार्टी का किला मजबूत किए बैठे हैं, मगर उनकी ही पार्टी के लोग उनके खिलाफ षड्यंत्र रच कर ब्राह्मणों के वोट खराब करने पर तुले हुए हैं। ब्राह्मणों को जैसा रौद्र रूप है, उससे तो यही लगता है कि यदि सुलह नहीं हुई तो पर्दे के पीछे कहीं न कहीं गैर सिंधीवाद खड़ा होने की तैयारी करेगा।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

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