धर्मेश जैन |
गत दिवस जयंती समारोह की जानकारी देने के लिए हेडा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप स्मारक एडीए ने मात्र साढ़े तीन महीने में तैयार किया गया। इसके निर्माण में जिला कलेक्टर गौरव गोयल व सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता सुनील सिंघल का विशेष सहयोग रहने की बात भी कही, मगर जैन की भूमिका को लेकर एक भी शब्द नहीं कहा। इससे भी ज्यादा अफसोसनाक बात ये है कि जंयती समारोह में शहर के अधिसंख्य बड़े भाजपा नेताओं को अतिथि के रूप में बुलाया जा रहा है, मगर उस सूची में पूर्व न्यास अध्यक्ष जैन, जो कि इस स्मारक के स्वप्रदृष्टा हैं, का नाम कहीं पर भी नहीं है। हेडा इतने ढ़ीठ हैं कि इस मुद्दे पर उनकी खूब छीछालेदर हो रही है, फिर भी वे उसकी परवाह नहीं कर रहे। उन्हें इसकी भी चिंता नहीं कि इससे आम जनता में उनकी छवि कैसी बन रही है। उनकी इस जिद की वजह से भाजपा की गुटबाजी भी सड़क पर आ रही है, मगर उन्हें पार्टी की किरकिरी होने का कोई अहसास ही नहीं। जानकारी के अनुसार जैन ने इसकी शिकायत शहर भाजपा अध्यक्ष अरविंद यादव से की है और यादव ने भी एक पत्र हेडा को लिखा है, फिर भी उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी। सत्ता व संगठन के तालमेल का यह ताजा उदाहरण है।
स्वाभाविक रूप से यह सवाल उठ रहा है कि जब जयंती समारोह जैन मनाते रहे हैं तो हेड़ा ने क्यों नई समिति बनाई? अगर पूर्व की समिति कांग्रेस डोमिनेटेड होती तो उसके स्थान पर भाजपानीत समिति बनाना समझ में आता, मगर अपनी ही पार्टी के नेता की अध्यक्षता में बनी समिति का उड़ा देना उनकी संकीर्णतम मानसिकता का द्योतक है।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
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