शनिवार, 10 जून 2017

हासानी होंगे अजमेर उत्तर की टिकट के गंभीर दावेदार

हालांकि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में इस वक्त लगभग चुप्पी छायी हुई है, मगर गुपचुप तैयारी तो हर कोई दावेदार कर रहा है। अगर अजमेर उत्तर की बात करें तो यूं तो एकाधिक दावेदार गंभीर रूप से सामने आने वाले हैं, मगर जो सर्वाधिक दमदार दावेदारी करेंगे, उनका नाम है दीपक हासानी। आप जान ही गए होंगे कि ये कौन हैं? माया मंदिर वाले। राजनीतिक गलियारों से छन-छन कर जो जानकारी आ रही है, उसके मुताबिक हासानी टिकट हासिल करने के लिए साम दाम दंड भेद, सभी हथियार आजमाने की स्थिति में हैं।
असल में वे एक अच्छे लाइजनर हैं। न केवल कांग्रेस, अपितु भाजपा के भी बड़े-बड़े नेताओं से उनके संपर्क हैं। प्रदेश के कई बड़े अधिकारियों से भी उनके घनिष्ठ संबंध हैं। बड़े व्यवसायी होने के कारण उनके संबंध अजमेर के प्रमुख व्यापारियों से हैं। जयपुर से लेकर दिल्ली तक उनके लिए जैक लगाने वाले अनेक हैं। इसके अतिरिक्त सबसे बड़ी बात ये है कि वे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के खासमखास दोस्त हैं। स्थानीय स्तर पर पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती का उन पर वरदहस्त है। समझा जा सकता है कि अगर उन्होंने तय ही कर लिया कि टिकट लाना है, उनके पास कितनी साधन-संपन्नता है। जानकारी के अनुसार उन्होंने ग्राउंड पर भी चुनावी नजरिये से लोगों से संपर्क बनाना शुरू कर दिया है। फिलवक्त जमीनों संबंधी कुछ मसलों को सुलझाने में लगे हैं, मगर समझा जाता है कि जल्द ही जाजम बिछाएंगे।
ऐसा नहीं कि वे पहली बार दावेदारी कर रहे हैं। इससे पूर्व भी उनकी महत्वाकांक्षा रही है। पिछली कांग्रेस सरकार में तो वे नगर सुधार न्यास का अध्यक्ष बनने के बहुत करीब पहुंच चुके थे।
यूं गैर सिंधियों में शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता एक मात्र प्रबल दावेदार हैं, मगर चूंकि इस बार ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस किसी सिंधी को ही टिकट देगी, इस कारण यहां केवल सिंधी दावेदारों की चर्चा की जा रही है। अगर अन्य दावेदारों की बात करें तो कर्मचारी नेता व सामाजिक कार्यकर्ता हरीश हिंगोरानी, पूर्व पार्षद रश्मि हिंगोरानी, पूर्व पार्षद सुनील मोतियानी सरीखे भी खम ठोक कर टिकट मांगने वाले हैं। पुराने दावेदार राजस्थान सिंधी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. लाल थदानी व युवा कांग्रेस नेता नरेश राघानी  भी दावेदारी कर सकते हैं, मगर फिलवक्त कुछ पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वे अपने पत्ते नहीं खोल रहे। इसी प्रकार रेलवे कर्मचारी नेता मोहन चेलानी का नाम भी चलाया जा रहा है। एक नाम बंटी जयसिंघानी का भी बताया जाता है। उनके पास भी टिकट लाने की जुगत बताई जाती है। राज दरबार अगरबती वाले राजकुमार लुधानी भी पिछली बार की तरह ऐन वक्त पर भागदौड़ कर सकते हैं। मॅस्काट स्कूल वाले गुलाब मोतियानी का नाम भी तैर रहा है। ऐसे ही कुछ और नाम भी हो सकते हैं। यानि कि इस बार टिकट के दावेदारों की फेहरिश्त काफी लंबी हो सकती है। कई धनपति भी हाथ आजमा सकते हैं। असल में यह सब इस कारण हो रहा है कि सभी को मैदान खाली लग रहा है। पूर्व नगर सुधार न्यास अध्यक्ष नरेन शहाणी भगत कांग्रेस छोड़ चुके हैं और अभी रिश्वत प्रकरण से जूझ रहे हैं, वरना उनके मुकाबले का दावेदार एक भी नहीं है।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

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