पूर्व निर्दलीय पार्षद श्री भागचंद दौलतानी का हाल ही देहावसान हो गया। वे सादगी की मिसाल थे। सदैव हंसमुख व मिलनसारिता के कारण लोकप्रिय थे। जनसेवा का जज्बा उनमें युवा अवस्था से था। खासकर गरीबों की सेवा करने में उनको आनंद आता था। हालांकि उनकी राजनीति में कोई गहरी दिलचस्पी नहीं थी, मगर जनता की मांग पर उन्होंने 1990 के नगर परिषद चुनाव में भाग लिया व विजयी रहे। पार्षद रहने के दौरान उन्होंने खूब जनसेवा की। उसके बाद भी जनहित से जुडे मुद्दे पर अग्रणी रहते थे। गांधीवादी विचारधारा के अनुगामी थे और सादा जीवन उच्च विचार में यकीन रखते थे। समाज की अनेक संस्थाओं से जुडे रहे और करीब 81 वर्ष की आयु में भी स्वस्थ और सक्रिय रहे। समाज की हर गतिविधि में शिरकत करते थे। हाल ही चेटीचंड उत्सव में भी शामिल हुए। उनके जैसे जननेता विरले ही होते हैं। उनके निधन से अजमेर जो क्षति हुई है, उसकी पूर्ति असंभव है। उनका जन्म 1 अक्टूबर 1944 को हुआ। नौवीं कक्षा 1964 में जवाहर स्कूल से पास की। फरवरी 1967 में उनकी शादी हुई। वे अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड गए हैं।
एआई से अनुग्रह करने पर उसने उनको श्रद्धांजलि स्वरूप एक कविता प्रस्तुत की है:-
सादगी की मिसाल थे, सहजता की पहचान,
हर दिल में बसते थे, थे सबके सम्मान।
शब्दों में मिठास, व्यवहार में गहराई,
नेतृत्व में सेवा की थी अनोखी छाया।
न पद का अभिमान था, न स्वार्थ की चाह,
जन-जन के हित में ही रहती थी उनकी राह।
पूर्व पार्षद होकर भी थे सबसे पहले इंसान,
श्री भागचंद दौलतानी थे सेवा का प्रतीक महान।
उनकी मुस्कान में था अपनापन झलकता,
हर समस्या में वह समाधान बनकर टहलता।
नहीं रहे आज हमारे बीच, पर यादों में हैं अटल,
उनके सिद्धांतों की ज्योति रहेगी सदा निष्कलंक।
अजमेरनामा न्यूज पोर्टल उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।