बुधवार, 30 अक्तूबर 2024

राजस्थान की वित्तीय व्यवस्था के आधार स्तम्भ श्री गोविंद देव व्यास

श्री गोविंद देव व्यास की गिनती राजस्थान के उन अधिकारियों में होती है, जिन्होंने राज्य की वित्तीय व्यवस्था को दिशा देने में अहम भूमिका अदा की है। यदि यह कहा जाए कि वे विकासमान राजस्थान के स्वप्नदृष्टाओं में से एक हैं, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सेवानिवृत्ति के बाद भी भावी आरएएस अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। अजमेर में जन्मे प्रतिभा संपन्न श्री गोविंद देव व्यास ने प्रारंभिक व उच्च शिक्षा राजकीय महाविद्यालय से हासिल की। उन्हें शुरू से साहित्य की रुचि रही। वे महाविद्यालय छात्र संघ के लायब्रेरी फोरम के महासचिव रहे। उन्होंने महाविद्यालय में प्रिंसीपल मेडल हासिल किया। उन्होंने महाविद्यालय की ओर से अनेक अंतरराज्यीय वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और विजेता रहे। वे राजस्थान राजस्व बार एसोसिएशन के निर्वाचित महासचिव रहे। सन् 1982 में राज्य सेवा के लिए चयनित हुए और सिविल सर्विस ऑफिसर के रूप में ट्रेजरी ऑफिसर, अकाउंट ऑफिसर, सीनियर अकाउंट ऑफिसर और चीफ अकाउंट ऑफिसर के पदों पर रहते हुए अनेक विभागों यथा डीआरडीए केनाल एरिया डॅवलपमेंट डिपार्टमेंट, गवर्नर हाउस, को-ऑपरेटिव डिपार्टमेंट आदि में सेवाएं दीं। वे एचसीएम राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्टी डायरेक्टर, जनरल मैनेजर फायनेंस राजस्थान, स्टेट कंज्यूमर फेडरेशन, केन्द्र सरकार के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग में डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन एंड अकांट्स, ज्वाइंट डायरेक्टर इस्पेक्शन, रूरल डॅवलपमेंट एंड पंचायतीराज में प्रोजेक्ट डायरेक्टर कम डिप्टी सेक्रेटरी रहे हैं। कई साल तक राज्य सरकार के फायनेंस डिपार्टमेंट में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के रूप में काम कर चुके हैं। सरकार उनके अनुभव का लाभ सेवानिवृत्ति के बाद भी ले रही है और वे भावी आरएएस को प्रशिक्षण दे रहे हैं।