मंगलवार, 3 सितंबर 2024

आदेश जारी हुए नहीं, खबर छप गई

अखबारी जगत में कई बार रोचक घटनाएं होती हैं। एक बार वरिष्ठ पत्रकार रसद विभाग की एक खबर लाए। खबर सूचनात्मक थी, छप गई। मगर विभाग की ओर से खबर का खंडन कर दिया गया। तहकीकात की तो, पता लगा कि जिला रसद विभाग में एक आदेश जारी होना था। टाइप हो गया और बाबू ने जिला रसद अधिकारी रेणु जयपाल की अनुपस्थिति में उनके चैंबर में रख दिया, हस्ताक्षर करने को। वरिष्ठ पत्रकार चैंबर में अधिकारी का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने वह आदेश देख लिया और खबर बना दी। उधर संयोग से रेणु जयपाल फील्ड से नहीं लौटीं। आदेश पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए। दूसरे दिन जैसे ही उन्होंने खबर देखी, उन्होंने ऐतराज किया। हालांकि एक ओर वरिष्ठ पत्रकार ने मुस्तैदी दिखाते हुए प्रतिस्पर्द्धा में खबर बनाई। जब आदेश टाइप हो गए तो जारी भी होने ही थे। इस विश्वास पर उन्होंने उत्साह में कर्तव्य निर्वहन किया। मगर चूक हो गई। खबर का एक कायदा है कि उसमें जरा भी गुंजाइश नहीं छोडी जाती। तनिक भी संदेह हो तो खबर जारी नहीं की जाती।

शख्सियत: सैयद अब्दुल गनी गुरदेजी

महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के प्रसिद्ध खादिम सैयद अब्दुल गनी गुरदेजी भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी सहित अनेक बड़ी राजनीतिक हस्तियों के पारिवारिक खादिम हैं। लंबे समय तक शहर कांग्रेस के पदाधिकारी रहे हैं। उनका जन्म 9 अगस्त 1947 को जनाब सैयद अब्दुल समद के घर हुआ। उन्होंने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की और उसके बाद ख्वाजा साहब की खिदमत में ही लग गए। उनकी गिनती प्रतिष्ठित खादिमों में होती है। सर्वधर्म समभाव को समर्पित जनाब गुरदेजी हर साल चेटीचंड के मौके पर मौलाई कमेटी के जरिए दरगाह षरीफ के दरवाजे पर जुलूस का भव्य स्वागत करते हैं और सिंधी समाज प्रमुखों की दस्तारबंदी करते हैं। हिंदुओं के त्यौहार रक्षाबंधन को अपने हिंदू मित्रों के साथ बहुत खुषी से मनाते हैं।


शख्सियत श्री दिलीप पारीक

व्यंग्य चित्रकार श्री दिलीप पारीक एक लंबे अरसे से अनेक समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। वे बेहतरीन मंच संचालन भी करते हैं। उनका जन्म 19 अक्टूबर 1964 को डॉ. शिवदयाल पारीक के घर हुआ। उन्होंने एम.ए. व बी.जे.एम.सी. की डिग्रियां हासिल की हैं और पेशे से फार्मास्यूटिकल एक्जीक्यूटिव हैं। वे भारत विकास परिषद की अजमेर इकाई के अध्यक्ष, लायंस क्लब अजमेर यूनिक और लियो क्लब अजमेर के अध्यक्ष रहे। सुर सिंगार संस्था, अजमेर में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। पिछले तीस साल से विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में उनके व्यंग्य चित्र (कार्टून) प्रकाशित हो रहे हैं। वे अजमेर के गिनती के जागरूक व जिंदादिल इंसानों में षुमार हैं। सतत विनोदपूर्ण मिजाज ही उनकी पहचान है।