शनिवार, 7 सितंबर 2024

स्मार्ट सिटी के कार्यों की सीबीआई से जांच की जाए-धर्मेश जैन

अजमेर में बाढ़ के जो हालात उत्पन्न हुए हैं, उस पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता और नगर सुधार न्यास के पूर्व धर्मेश जैन ने मांग की है कि स्मार्ट सिटी के कार्यों की सीबीआई जांच कराई जाए। उन्होंने अफसोस जाहिर किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की महत्वाकांक्षी योजना पर पूरी तरह से पानी फिर गया है। उन्होंने कहा कि आनासागर में अवैध निर्माण होते रहे, मगर जिम्मेदार राजनेताओं व अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इसके अतिरिक्त भूमाफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए पाथ वे बनाने का निर्णय किया गया और उसके लिए लाखों टन मिट्टी से आनासागर के किनारों को पाट दिया गया। परिणामस्वरूप आनासागर की भराव क्षमता कम हो गई। जैसे ही तेज बारिश आई, आनासागर छलक गया। और आज करीब पचास कॉलोनियों में पानी भर गया है। जनजीवन ठप हो गया है। यह सब राजनेताओं व अधिकारियों के गठजोड के चलते हुआ है। अजमेर स्मार्ट सिटी की बजाय नर्क सिटी बन गया है।

जैन ने कहा कि आनासागर के भराव क्षेत्र में जो सेवन वंडर बनाया गया है, उसे तोड़ने के लिए एनजीटी ने आदेश दे रखा है, लेकिन नगर निगम और जिला प्रशासन इन आदेशों की पालना नहीं कर रहा है। ज्ञातव्य है कि जैन आनासागर की दुर्गति को लेकर लगातार आवाज बुलंद करते रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने उस पर कभी गौर नहीं किया। उलटे प्रशासन ने उन्हें परेशान करने तक की कोशिश की, ताकि उनका मुंह बंद किया जा सके। बावजूद इसके जैन जनहित के मुद्दे उठाते रहे, लेकिन पार्टी नेताओं का अपेक्षित सहयोग न मिलने व प्रशासन की हठधर्मिता के चलते आज अजमेर नर्क भोगने को मजबूर है।

घटना से पहले छप गई खबर

क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे कि किसी घटना से पहले खबर छप सकती है। यानि घटना बाद में हो और खबर पहले ही छप जाए। ऐसा असंभव है। लेकिन एक बार ऐसा हुआ। हुआ यूं कि भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री मोहन लाल सुखाडिया की भीलवाडा में सभा होनी थी। कार्यक्रम रात का था। उसका कवरेज उसी रात को करना कठिन था। तब संचार माध्यम आज जितने तेज नहीं थे। समाचार पत्र प्रबंधन ने राजस्थान के जाने माने वरिश्ठ पत्रकार स्वर्गीय श्री सी एल माथुर को जिम्मेदारी सौंपी। प्रबंधन के दबाव में उन्होंने कह दिया कि कोई दिक्कत नहीं है। मुझे पता है कि वे सभा में क्या बोलेंगे। उन्होंने खबर बना दी। छप गई। उधर हुआ यूं कि मुख्यमंत्री का दौरा अचानक स्थगित हो गया। बडी भद पिटी। दिलचस्प बात ये रही कि अगले दिन जब मुख्यमंत्री की सभा हुई तो उन्होंने वही सब कुछ बोला, जो कि अखबार में पहले से छप चुका था। असल में स्वर्गीय श्री माथुर स्वर्गीय श्री सुखाडिय़ा के प्रेस अटैची और राज्य मंत्रीमंडल के संपर्क अधिकारी रहे थे। इस कारण उन्हें अंदाजा था कि वे सभा में क्या बोल सकते हैं। है न दिलचस्प वाकया।