हाल ही संस्था ने सेंट पॉल्स सीनियर सेकंडरी स्कूल में दीपावली स्नेह मिलन हर्षोल्लास के साथ मनाया। संघ के अध्यक्ष प्रकाश जैन ने बताया कि कार्यक्रम का प्रारंभ मुख्य अतिथि अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्रीमती दीप्ति शर्मा, फादर जॉन करवालो, फादर कॉस्मो शेखावत, मोहम्मद अली बोहरा, सरदार जगजीत सिंह सोखी के द्वारा किया गया। स्कूल के बच्चों के द्वारा सभी संप्रदायों के धर्म गुरुओं की वेशभूषा में आए हुए अतिथियों का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया। विभिन्न धर्माे के प्रतिनिधियों व गुरुओं के द्वारा दीपावली पर्व की महत्वता के बारे में प्रकाश डाला गया। सिख समुदाय, जैन समुदाय, बौद्ध समुदाय में दीपावली पर्व का अलग महत्व है। सरदार सखी ने कहा की महाराज के आदेश के बाद 52 अन्य भक्तों को किस प्रकार जेल से बाहर निकाला गया, उसी उपलक्ष में दिवाली मनाई जाती है। जैन समुदाय में भगवान महावीर का निर्वाण अमावस्या के दिन हुआ था, इसलिए मोदक समर्पण कर दीपावली मनाई जाती है। सम्राट अशोक कुमार मौर्य ने 84000 कीर्ति स्तंभ बनाकर आज के दिन मौर्य राज्य की स्थापना की थी, इसलिए इसे धम्मदीप दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी पाठक महाराज ने सनातन धर्म के अनुसार भगवान राम के राज्याभिषेक पर चर्चा करते हुए दीपावली किस प्रकार से 5 दिन या 7 दिन तक मनाई जाती है, प्रत्येक दिन का अलग महत्व होता है। ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र के सुकांत भैया ने भगवान महावीर के द्वारा दिए गए जियो और जीने दो के संदेश पर प्रकाश डाला। जैन ने कहा कि इस वर्ष की दिवाली पर स्वच्छ एवं स्वस्थ पर्यावरण के लिए पटाखों का कम से कम इस्तेमाल करें।
शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2024
सर्वधर्म सद्भाव की लौ प्रज्ज्वलित करने के लिए साधुवाद
दरगाह ख्वाजा साहब और तीर्थराज पुष्कर को अपने आंचल में समेटे अजमेर की पावन धरा को सांप्रदायिक सौहार्द की नगरी कहा जाता है। अनेक झंझावातों में इसका पुर सुकून मंजर सदैव अकंपित रहा है। यदाकदा ऐसी चिन्गारियां भी छोडी जाती रही हैं, मगर उसकी यात्रा ज्यादा दूर तक नहीं चल पाती। वस्तुतः इस नगरी का मिजाज ही ऐसा है कि इसकी शांति में खलल नही डाला जा सकता है। ऐसे में यकायक एक ऐसी संस्था का ख्याल आ जाता है, जो दिखती तो छोटी है, मगर मिसाल सद्भाव का सतत पेश करती है। पिछले कई सालों में उसके आकार का विस्तार भले ही नजर नहीं आया हो, मगर उसकी निरंतरता सुखद अहसास कराती है। संस्था का नाम है सर्वधर्म मैत्री संघ, जो एक समूह है, सभी धर्मों के प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों का। वे हर साल सभी धर्मों के प्रमुख पर्वों पर भाईचारे का संदेश देना नहीं भूलते। उनके जज्बात को सलाम। सांप्रदायिक सद्भाव की लौ जागृत रखने के लिए बारम्बार साधुवाद।
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