मंगलवार, 27 अगस्त 2024

पार्षद नरेश सत्यावना अघोषित नेता प्रतिपक्ष

कांग्रेस पार्षदगण में मतभेद खत्म होता नजर नहीं आ रहा। अनेक पार्षद कांग्रेस हाईकमान की ओर से बनाई नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर सुश्री द्रोपदी कोली को अपना नेता मानने को तैयार नहीं हैं। बाकायदा प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को ज्ञापन दे कर उन्हें हटाने की मांग कर चुके हैं। धरातल पर भी उनके समानांतर गतिविधियां कर रहे हैं। हाल ही उन्होंने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और मार्टिंडल ब्रिज के पास हो रहे गड्डों में अर्द्व नग्न प्रदर्शन कर शहर के विधायकों व प्रशासन को चेताया। उनका नेतृत्व पार्षद नरेष सत्यावना कर रहे थे। इस लिहाज देखा जाए तो वे अघोषित नेता प्रतिपक्ष हैं। विवाद से इतर वे जिस तरह से जनता की समस्याओं को मुखर हो कर आवाज बुलंद कर रहे हैं, वह वक्त की जरूरत भी है। इसी तरह पार्षद पति निर्मल बेरवाल भी लगातार फेसबुक लाइव के जरिये जनसमस्या की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर सुश्री द्रोपदी कोली भी निरंतर सक्रिय हैं। अजमेर दक्षिण की कांग्रेस प्रत्याशी होने के नाते अपना दायित्व निभाने का प्रयास कर रही हैं। फरवरी 2024 में नगर निगम द्वारा प्रत्येक वार्ड में 50-50 लाख विकास कार्य हेतु स्वीकृत हुये थे, लेकिन काफी समय के बाद भी उक्त बजट को निगम द्वारा पारित नहीं किया जा रहा था। इसी के चलते उन्होंने निगम प्रशासन पर दबाव बनाए रखा, नतीजतन निगम ने 25-25 लाख स्वीकृत कर दिए। उन्होंने आयुक्त को चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही आगामी दीपावली तक बकाया 25 लाख जारी नहीं किए गए तो धरना प्रदर्शन किया जायेगा। बहरहाल, जमीन पर काम कर रहे ये सभी नेता साधुवाद के पात्र हैं।

सोमवार, 19 अगस्त 2024

सोगानी जी ने खुद ही पहन लीं चूडियां


अजमेर षहर जिला कांग्रेस के भूतपूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय श्री माणक चंद सोगानी स्वभाव से अनूठे षख्स थे। सदैव षांत चित्त। स्थाई स्मित मुस्कान। विषाल हृदय। कोई कितना भी गुस्से में उनके पास आए, उसे षांत करने की अद्भुत विधा थी उनमें। सभी को संतुश्ट करके ही भेजते थे। अनेक मसलों को उन्होंने चुटकी में ही सुलझा दिया। एक बार किसी मुद्दे पर महिला कांग्रेस की नेत्रियां उनसे नाराज हो गईं। चमेली देवी व षकुंतला पंडिताइन के साथ कुछ महिला कार्यकर्ता उनको चूडियां पहनाने पर आमादा थीं। वाकया उनके निवास स्थान का है। कार्यकर्ता उन्हें रोक रहे थे। षोरगुल सुन कर सोगानी जी ने पूछा मामला क्या है? उन्हें बताया गया कि महिला नेत्रियां आपको चूडियां पहनाना चाहती हैं। सोगानी जी ने कहा कि उन्हें अंदर आने दो। उन्होंने न केवल महिला नेत्रियों का स्वागत किया, अपितु खुद की अपने हाथ चूडियां पहनाने के लिए आगे कर दिए। उनके हाथ से चूडियां लेकर खुद ही पहन लीं। फिर उन्हें बैठा कर तफसील से बात की। षंका का समाधान किया। यह उनका चमत्कारिक व्यक्तित्व ही था कि महिला नेत्रियां षांत हो गईं और खुषी खुषी लौट गईं। उनके इसी स्वभाव की वजह से उनका बहुत सम्मान था। जैसा कि अजमेर कांग्रेस का मिजाज है, छोटे मोटे फड्डे होते आए हैं। लेकिन एडवोकेट जसराज जयपाल, डॉ श्रीगोपाल बाहेती, महेन्द्र सिंह रलावता, विजय जैन जैसे कूल माइंडेड अध्यक्षों के कारण विवाद जल्द ही षांत होते रहे हैं।

भाई मुंसिफ, बहिन सोनू चितारा चौधरी


धर्म और राजनीति से ऊपर है भाई बहन का रिश्ता। भाजपा नेता मुंसिफ अली खान हर वर्ष अपनी बहन सोनू चितारा चौधरी से राखी बंधवाते हैं। 

पिछले 10 साल से हर वर्ष निभा रहे हैं रिश्ता। हर सुख दुख में बहन के साथ निभाते हैं। मुंसिफ अली खान मुस्लिम है और सोनू चौधरी हिन्दू है। यही नहीं सोनू चौधरी कांग्रेस पार्टी की नेता है और मेड़ता विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी भी रह चुकी है, वहीं मुंसिफ अली खान भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। अलग अलग राजनीतिक विचारधारा भले हो लेकिन दोनों का रिश्ता मजबूत है।

गुरुवार, 15 अगस्त 2024

प्रियदर्शी भटनागर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार

 

अजमेर। लंबे समय से स्टैंड बाय मोड पर चल रहे षहर अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की कवायद तेज हो गई है। यू ंतो अब तक अनेक दावेदारों के नाम उभर कर आए हैं, मगर हाल ही एक और षख्स का नाम सामने आया है। वो हैं प्रदेष कांग्रेस के प्रवक्ता प्रियदर्षी भटनागर। 

वैसे बताते हैं कि प्रदेष कांग्रेस के सचिव कैलाष झालीवाल प्रदेष अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की पहली पसंद हैं, मगर झालीवाल की इच्छा अब इस पद को हासिल करने में नहीं है। दूसरी ओर राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष पार्शद नौरत गुर्जर को अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। षहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता अपनी राजनीतिक विरासत कायम करने के लिए अपने पुत्र षक्ति सिंह को आगे लाना चाहते हैं। बताते हैं कि अजमेर दक्षिण से विधानसभा चुनाव लड चुके हेमंत भाटी पर दबाव है कि वे इस पद की जिम्मेदारी लें, लेकिन वे तनिक पीछे हट रहे हैं और चाहते हैं कि उन्हें प्रदेष कांग्रेस में समायोजित किया जाए। अभी तक षहर कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व अध्यक्ष विजय जैन पहले तो मुक्ति चाहते थे, मगर अब बताया जाता है कि वे कन्टीन्यू होना चाहते हैं। पूर्व चिकित्सा मंत्री डॉ रघु षर्मा षक्ति प्रताप सिंह राठौड पर वरदहस्त रखे हुए हैं। अब तक षिव कुमार बंसल, गुलाम मुस्तफा, सुकेष कांकरिया आदि के नाम भी उछले है। एक बार पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती का भी दमदार तरीके से आगे आया था, मगर खुद उन्होंने ही रूचि नहीं ली। पुश्कर से निर्दलीय के रूप में चुनाव लडने के बाद अब तो चैप्टर लगभग समाप्त हो गया है एक विचार यह है कि सिंधी समाज की नाराजगी दूर करने के लिए किसी सिंधी नेता को अध्यक्ष बनाया जाए, मगर कोई उपयुक्त व्यक्ति नहीं मिल रहा। चूंकि नियुक्ति में प्रदेष स्तर की गुटबाजी काम कर रही है, इस कारण सर्वसम्मत दावेदार मिलना कठिन हो गया है। एक फैक्टर यह भी है कि इस पद को संभालने के लिए हर माह करीब पचास हजार चाहिए। विपक्ष में रहते लोगों के काम करवा कर अर्थ जुटाना संभव नहीं है। ऑफिस खर्च के अतिरिक्त आए दिन के छोटे मोटे कार्यक्रमों के साथ ही वीआईपी विजिट का खर्च वहन करना आसान नहीं है।  

इस बीच प्रदेष कांग्रेस के प्रवक्ता प्रियदर्षी भटनागर इस दौड में षामिल हो गए हैं। वे किसी गुट विषेश में फंसे हुए नहीं हैं, इस कारण सभी गुटों का समर्थन हासिल करने की कोषिष कर रहे हैं। कांग्रेस में लंबे समय से सक्रिय भटनागर की प्रदेष स्तरीय नेताओं पर अच्छी पकड है, इसलिए यदि वे अध्यक्ष बनने में कामयाब हो जाएं तो कोई आष्चर्य नहीं होना चाहिए।

मंगलवार, 13 अगस्त 2024

रलावता नेता प्रतिपक्ष की दौड में शामिल

 

कानाफूसी है कि अजमेर उत्तर से कांग्रेस प्रत्याषी रहे महेन्द्र सिंह रलावता के छोटे भाई पार्शद गजेन्द्र सिंह रलावता अजमेर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष बनने की जुगत में हैं। जाहिर है इसमें उनके बडे भाई मदद करने वाले हैं, जो सचिन पायलट के करीबी हैं। असल में जब से सुश्री दोपदी कोली को हटाने की मुहिम चालू हुई है, उनका स्थान कौन लेगा, इस पर भी चर्चा आरंभ हो गई है। चूंकि नरेष सत्यावना वरिश्ठ और अनुभवी हैं, साथ ही मुखर हैं, इस कारण अघोशित रूप से वे ही नंबर वन माने जाते हैं। दूसरी ओर रलावता भले ही पहली बार जीत कर आए हैं, मगर चूंकि वे निगम के अधिकारी रह चुके हैं, इस कारण उनको निगम के ताने बाने की अधिक जानकारी है। इसी आधार पर वे दावेदारी की स्थिति में हैं। वे संजीदा स्वभाव के हैं, इस कारण प्रत्यक्षतः दावेदारी का अहसास नहीं करवा पा रहे, मगर उनके साथ बडे भाई की ताकत है। अगर वे सचिन पायलट को कन्वींस कर पाए तो संभव है गजेन्द्र सिंह को मौका मिल जाए।