अब समय आ गया है कि राजनीतिक प्रतिबद्धताओं से इतर अजमेर के लिए संगठित रूप से लड़ा जाए। जन प्रतिनिधियों और जन सेवकों को जवाबदेह ठहराया जाए, विकास न होने पर प्रश्न पूछे जायें और अकर्मण्यता का हिसाब मांगा जाए। हमें बीस साल का हिसाब लेना ही होगा और वो भी बिना इन की चालों में फंसे। वो आप को लपेटने का प्रयत्न करेंगे, आप की राजनीतिक प्रतिबद्धता पर प्रश्न खड़े करेंगे, आप को नाहक ही घेरेंगे ताकि जवाबदेही न ठहराई जाए, पर हमें अजमेर के लिए अडिग रहना होगा। हमें अजमेर की जल निकासी पर, अतिक्रमण से अवरुद्ध आनासागर के जलनिकास पर प्रश्न खड़े करने होंगे।
हमें समयबद्ध कार्य न होने पर इन से प्रश्न करने होंगे। हमें इन के ढीले ढाले रवैये पर उंगली उठानी होगी। हमें इन को कटघरे में खड़ा करना ही होगा। कब तक अजमेरवासी इस दोयम दर्जे का जीवन जीने को बाध्य होगा। यदि आप अजमेरवासी अब निडर हो प्रश्न करने की हिम्मत रखते हैं, तो आइए हम सब संगठित रूप से एक गैर राजनैतिक मंच से जुड़ें और अजमेर के लिए प्रश्न करें। उन्होंने सिविल सोसायटी अजमेर के नाम से सर्वे का एक फार्म भी साझा किया है।उनकी इस पोस्ट ये सवाल उठता है कि क्या वे आम आदमी पार्टी से इतर मंच खडा करने जा रही हैं? चूंकि उनकी पहचान आम आदमी पार्टी से है, इस कारण सुनहरी कॉलोनी में आम आदमी पार्टी हाय हाय के नारे लगे।