अजमेरनामा
खबरों के पीछे की खबर
रविवार, 11 मई 2025
समाजसेवी श्री ओमप्रकाश हीरानंदानी नहीं रहे
बेमिसाल सहजता की प्रतिमूर्ति थे स्वर्गीय श्री रासासिंह रावत
भाजपा में जाने से पहले रासासिंह रावत ने दो बार कांग्रेस के टिकट पर भीम विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वे हार गए। बाद में भाजपा में शामिल हो गए। वे विरजानंद स्कूल के प्रधानाचार्य रहे। बाद में उन्हें डीएवी स्कूल का प्राचार्य बना दिया गया, फिर वे आर्य समाज के प्रधान भी बने। आर्य स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान भी रहा है।
सांसद के रूप में उन्होंने सभी पांचों कार्यकालों में उन्होंने लोकसभा में अपनी शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करवाई। अजमेर से जुड़ा शायद ही कोई ऐसा मुद्दा रहा होगा, जो उन्होंने लोकसभा में नहीं उठाया। यह अलग बात है कि दिल्ली में बहुत ज्यादा प्रभावी नेता के रूप में भूमिका न निभा पाने के कारण वे अजमेर के लिए कुछ खास नहीं कर पाए। एक बार उनके मंत्री बनने की स्थितियां निर्मित भी हुईं, लेकिन चूंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सोलह सहयोगी दलों के साथ मिल कर सरकार बनाने के कारण वे दल आनुपातिक रूप में मंत्री हासिल करने में कामयाब हो गए और प्रो. रावत को एक सांसद के रूप में ही संतोष करना पड़ा। उनकी सबसे बड़ी विशेषता ये थी कि वह सहज उपलब्ध हुआ करते थे। बेहद सरल स्वाभाव और विनम्रता उनके चारित्रिक आभूषण थे। 10 मई 2021 को उनका देहावसान हो गया। अजमेरनामा न्यूज पोर्टल उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
शनिवार, 3 मई 2025
आनासागर में लिंक ब्रिज होना चाहिए
https://www.youtube.com/watch?v=ZYZtVrpKDgs
गुरुवार, 1 मई 2025
अजमेर को ऊनाळो भलो
https://youtu.be/dzuGnBYux8M
मंगलवार, 29 अप्रैल 2025
बिंदास कर्मचारी नेता थे श्री संतोष कुमार भावनानी
समाजसेवा में भी उनकी गहरी दिलचस्पी थी। वे देहली गेट स्थित पूज्य लाल साहब मंदिर सेवा ट्रस्ट (झूलेलाल धाम) के उपाध्यक्ष थे। इसके अतिरिक्त अजमेर सिंधी पंचायत, सिंधु संगम, सिंधी संगम समिति से भी जुडे रहे। उन्होंने पंचायत की ओर से आयोजित प्रतिभावान विद्यार्थी सम्मान समारोह व इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका के लिए खूब काम किया। पिछले काफी समय से अस्वस्थ थे, इस कारण घर पर ही रहते थे। अजमेरनामा न्यूज पोर्टल उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।