मंगलवार, 3 सितंबर 2024
आदेश जारी हुए नहीं, खबर छप गई
अखबारी जगत में कई बार रोचक घटनाएं होती हैं। एक बार वरिष्ठ पत्रकार रसद विभाग की एक खबर लाए। खबर सूचनात्मक थी, छप गई। मगर विभाग की ओर से खबर का खंडन कर दिया गया। तहकीकात की तो, पता लगा कि जिला रसद विभाग में एक आदेश जारी होना था। टाइप हो गया और बाबू ने जिला रसद अधिकारी रेणु जयपाल की अनुपस्थिति में उनके चैंबर में रख दिया, हस्ताक्षर करने को। वरिष्ठ पत्रकार चैंबर में अधिकारी का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने वह आदेश देख लिया और खबर बना दी। उधर संयोग से रेणु जयपाल फील्ड से नहीं लौटीं। आदेश पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए। दूसरे दिन जैसे ही उन्होंने खबर देखी, उन्होंने ऐतराज किया। हालांकि एक ओर वरिष्ठ पत्रकार ने मुस्तैदी दिखाते हुए प्रतिस्पर्द्धा में खबर बनाई। जब आदेश टाइप हो गए तो जारी भी होने ही थे। इस विश्वास पर उन्होंने उत्साह में कर्तव्य निर्वहन किया। मगर चूक हो गई। खबर का एक कायदा है कि उसमें जरा भी गुंजाइश नहीं छोडी जाती। तनिक भी संदेह हो तो खबर जारी नहीं की जाती।
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