शुक्रवार, 5 सितंबर 2025

क्या सुरेश कासलीवाल फिर राजनीति में प्रवेश करेंगे?

 वरिष्ठ पत्रकार सुरेश कासलीवाल ने फिर खेली नई पारी, पहला डेली डिजिटल अखबार शुरू किया

हाल ही जब वरिष्ठ पत्रकार सुरेष कासलीवाल चार एक्सटेंशन के बाद दैनिक भास्कर, अजमेर से डिजिटल हैड के पद से रिटायर हुए तो मेरे एक मित्र ने मुझ से पूछा कि क्या अब वे राजनीति में फिर प्रवेश करेंगे? मैं तो स्तब्ध रह गया। मैने उनसे पूछा कि आप ऐसा कयास क्यों लगा रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा कि वे मांगलियावास के सरपंच रह चुके हैं और एक बार नसीराबाद विधानसभा सीट का टिकट हासिल करते करते रह गए थे। तो पत्रकारिता से रिटायर होने के बाद नई राजनीतिक पारी खेल सकते हैं। उनकी बात में दम तो है। 


यही सही है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि के वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेश कासलीवाल ने जब 1989 में पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश किया तो उन्होंने यह कल्पना भी नहीं की होगी कि यही उनका केरियर हो जाएगा। असल में वे निकटवर्ती मांगलियावास गांव के सरपंच थे। सन् 1989 में पहली बार उपसरपंच चुने गए। उसके बाद सन् 1995 से 2000 तक व सन् 2005 से 2010 तक सरपंच रहे। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरी पंचायत में जैन समाज का मात्र एक ही परिवार है, अर्थात जनता ने उनका व्यवहार देख कर बिना किसी जात-पांत के वोट दिए। सरपंच रहते बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए राजस्थान में अव्वल दर्जे का काम किया। इसके उपलक्ष में उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया। वे पीसांगन पंचायत समिति की 45 ग्राम पंचायतों के सरपंच संघ के अध्यक्ष भी रहे। हालांकि वे किसी राजनीतिक दल से जुड़े हुए नहीं थे और न ही किसी पार्टी के सदस्य रहे, लेकिन तत्कालीन पुष्कर विधायक स्वर्गीय जनाब रमजान खान से गहरी दोस्ती थी। तब नसीराबाद विधानसभा सीट के लिए भाजपा में दो दावेदारों के बीच टिकट को लेकर घमासान चल रहा था। मरहूम जनाब रमजान खान को लगा कि दोनों को छोड़ किसी तीसरे बेदाग व दबंग युवा पर दांव खेला जाए। उन्होंने ही तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री भैरोंसिंह शेखावत से यह कह कर नसीराबाद से विधानसभा चुनाव का टिकट देने की सिफारिश की कि ये बंदा तेज-तर्रार व जनता को समर्पित होने के कारण लोकप्रिय है और जीत जाएगा। श्री कासलीवाल को चुनाव की तैयारी करने को भी कह दिया गया, लेकिन भाजपा ने ऐन वक्त पर समझौते के तहत नसीराबाद सीट जनता दल को दे दी और श्रीकरण चौधरी ने चुनाव लड़ा। वे हार गए। यहां यह बताना प्रासंगिक होगा कि उनकी पुत्री ज्योतिका जैन नगर पालिका सरवाड़ के वार्ड संख्या 14 से कांग्रेस की पार्षद रही हैं। उनकी जीत भी इस कारण ज्यादा मायने रखती है कि इस वार्ड से पहले कभी कांग्रेस चुनाव नहीं जीत पाई थी। इसके बाद डॉ रघु शर्मा ने उन्हें मनोनीत पार्षद भी बनाया था। श्री कासलीवाल की बड़ी बहन भी दूदू ग्राम पंचायत की वार्ड मेंबर रही। दैनिक भास्कर में रहते हुए उन्होंने एक साल में ही आठ नेशनल अवार्ड जीतकर और ग्रेट चौंपियन बन पूरे देश में छाप छोड़ी थी। दसवीं बोर्ड की कॉपी जांचें ही नंबर दे देने की उनकी खबर ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया। 

वे अजयमेरू प्रेस क्लब के अध्यक्ष भी रहे हैं और उनके कार्यकाल में क्लब की नई बिल्डंग में अनेक विकास कार्य करवाए।

पूरे 28 साल तक भास्कर में नौकरी करने के बाद 30 जून को अंतिम दिन अपने साथियों को बोला भी था कि वो जल्द नई पारी खेलेंगे। बहरहाल, हाल ही 6 अगस्त से उन्होंने अपना डेली ईवनिंग डिजिटल न्यूज पेपर राजस्थान लहर आरंभ किया है। न्यूज चौनल भी जल्द शुरू कर रहे है। यानि पत्रकारिता को निरंतर जारी रखे हुए हैं। क्या फिर राजनीति में आने का मूड बनेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता।