रविवार, 13 अक्तूबर 2024

डॉ आकाश माथुर की वेबसाइट की अनूठी लॉन्चिंग

यह सर्वमान्य तथ्य है कि कोई भी डाक्टर यही चाहेगा कि उसके पास अधिक से अधिक मरीज आएं। आखिरकार यह उसका पेशा है। इसी के लिए उसने बहुत श्रम और अर्थ व्यय करके डिग्रियां हासिल की हैं, मगर क्या कोई ऐसा डॉक्टर भी हो सकता है, जिसकी दिलचस्पी इलाज करने से अधिक इसमें हो कि आदमी बीमार ही न पडे। जी हां, बिलकुल इसी मंषा को दिल में संजोये डॉ आकाश माथुर ने अपनी वेबसाइट का लोकार्पण किया। अजमेर में कदाचित यह पहला मौका था, जब किसी डॉक्टर की वेबसाइट की लॉन्चिंग समारोहपूर्वक हुई। स्थान था स्वामी कॉम्पलैक्स का बेंक्वेट हॉल। जाने माने डाक्टर्स व अभिजात्य वर्ग की गरिमामय मौजूदगी। ऐसे भव्य समारोह में हुआ क्षेत्रपाल हॉस्पिटल के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ आकाश माथुर की वेबसाइट का लोकार्पण। बेशक डॉ माथुर का पहला लक्ष्य मरीज का इलाज करना है, मगर उनकी मंशा है कि वेबसाइट में दी गई जानकारियों का लाभ लेकर आदमी बीमारी से ही बच जाए। डॉ माथुर ने कहा कि आज के इस सूचना के युग में रोगी को अपने रोग के बारे में पूर्ण जानकारी दी जानी चाहिए। साथ ही आम जनता को स्वस्थ रहने तथा रोगों से बचाव के प्रति जागरूक किए जाने की भी आवश्यकता है। हमारी वेबसाइट का उद्देश्य पाचन तंत्र, लीवर संबंधी बीमारियों और वेलनेस के प्रति जागरूकता का प्रसार है। वेबसाइट पर 125 से अधिक ब्लॉग और लेख उपलब्ध हैं, जो अंग्रेजी के अलावा आम आदमी की भाषा हिंदी में रोगियों और उनके परिवारों के लिए महत्वपूर्ण प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध करवाते हैं। यह वेबसाइट केवल शहरी लोगों के लिए नहीं, ग्रामीण नागरिकों के लिए भी डॉक्टर के साथ ज्ञान के पुल के रूप में कार्य करेगी।

समारोह में डॉ माथुर ने बताया कि हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की कितनी भी आलोचना की जाए लेकिन आजादी के बाद से लेकर आज तक की औसत आयु और औसत मृत्यु दर के आंकड़े बताते हैं कि हमने इस क्षेत्र में काफी सकारात्मक कार्य किया है। वर्ष 1947 में हमारे देश में औसत आयु 32 से 35 वर्ष थी, जो वर्ष 2023 में बढ़ कर 70-72 वर्ष हो गई है। इसके साथ ही, मृत्यु दर में भी गिरावट दर्ज की गई है, जो 1947 में 22-25 प्रति 1,000 थी और अब घट कर 7 प्रति 1,000 व्यक्ति हो गई है। 

समारोह में पैनल चर्चा का विषय था, ‘‘क्या चिकित्सा सेवाएं व्यावसायिक हैं?’’। इस चर्चा में जाने माने एडवोकेट उमरदान सिंह लखावत, समाजसेवी दिलीप पारीक और डॉ आकाश माथुर ने भाग लिया। इस चर्चा के दौरान लखावत ने मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में अत्यंत तीखे सवाल किए। इस चर्चा के दौरान सभी का मत था कि डॉक्टर और मरीज के रिश्ते में पहले जो विश्वास हुआ करता था, उसमें निरंतर कमी आ रही है और इस विश्वास की वापसी के लिए दोनों पक्षों को प्रयास करने होंगे। डॉ. माथुर ने चर्चा के दौरान सुझाव दिया कि सरकार को जांच और चिकित्सा से जुड़ी सामग्री को टैक्स फ्री कर देना चाहिए ताकि सभी को उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। जीवन का अधिकार सबसे बड़ा अधिकार है, और इसके लिए आवश्यक जांच और उपचार पर किसी भी प्रकार का टैक्स व्यक्ति के जीने के अधिकार पर कुठाराघात है।

इस अवसर के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ और जेएलएन मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. राजेंद्र गोखरू ने रोगियों को जानकारी देने वाली वेबसाइट की पहल का स्वागत किया तथा दिल और लिवर के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दिल, लिवर और समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि हम जीवन शैली में बदलाव करें, संतुलित आहार लें नियमित रूप से व्यायाम, सैर और योग करें।

कार्यक्रम में शहर के जाने माने शल्य चिकित्सा डॉक्टर बृजेश माथुर सहित अन्य कई वरिष्ठ चिकित्सकों और प्रतिश्ठित नागरिकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन दिलीप पारीक ने किया। अंत में डॉक्टर नैंसी माथुर ने आभार व्यक्त किया।

ज्ञातव्य है कि डॉ माथुर पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व महाप्रबंधक श्री वेद माथुर के सुपुत्र हैं। वे सुपरिचित पत्रकार व लेखक भी हैं। स्वाभाविक रूप से कार्यक्रम की रूपरेखा और प्रस्तुति पर उनके बुद्धि चातुर्य की छाप नजर आई। उनके व डॉ गोखरू के बीच संक्षिप्त साक्षात्कार बनाम संवाद न केवल रोचक रहा, अपितु बहुत जानकारीवर्धक था।


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