मंगलवार, 5 नवंबर 2024
ओ बीजेपी कुण है?
क्या यह संभव है कि कोई पार्षद निवार्चित हो जाए और उसे यह पता न हो कि वह किस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर विजयी हुआ है? जी हां, ऐसा एक वाकया हुआ है तत्कालीन अजमेर नगर परिषद के चुनाव में। परिणाम वाले दिन भाजपा का विजय जुलूस निकल रहा था। जाहिर तौर पर बीजेपी जिंदाबाद के नारे लग रहे थे। जुलूस में शामिल वैशाली नगर माकडवाली इलाके के एक पार्षद नारे सुन कर असमंजस में थे। वे अपने साथियों से पूछने लगे कि ओ बीजेपी कुण है। उनके साथी आश्चर्यमिश्रित हास्य से सराबोर हो गए। उन्होंने जब पार्षद महोदय को समझाया की आप जिस पार्टी से जीते हैं, उसका नाम है बीजेपी, तब जा कर उनका असंजस दूर हो पाया। असल में उनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी और न ही चुनाव लडने का मानस। उन्हें तो जातीय समीकरण के तहत भाजपा ने मैदान में उतारा गया था। उन्हें ख्याल ही नही था कि वे किस पार्टी की ओर से चुनाव लड रहे हैं। उन्हें इतना भर पता था कि चुनाव लड रहे हैं। है न दिलचस्प वाकया।
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