गुरुवार, 5 सितंबर 2024

अजमेर आदी है बदइंतजामियों का

अजमेर उत्तर पानी को तरस रहा है तो अजमेर दक्षिण के लिए पानी त्रास बना हुआ है। सभी सडकों पर खड्डों के जख्म हैं। चौराहों और बीच मार्गों पर गायों का साम्राज्य है। अतिक्रमणों की भरमार है। वाहन को पार्क करने के लिए भटकना पडता है। बदइंतजामियों की लंबी फेहरिष्त है। क्या क्या गिनाएं? मगर, मगर इसे सहनषीलता की पाराकाश्ठा ही कहा जाएगा कि आम आदमी आपस में सियापा कर षांत हो जाता है। इस पर किसी ने कहा है कि अजीब लोगों का बसेरा है, इस अजमेर षहर में, सब कुछ सहन करते हैं, चूं तक नहीं करते। इसी मिजाज की एक उक्ति फेसबुक पर नजर आई। वरिश्ठ पत्रकार श्री ओम माथुर की पोस्ट पर एक सज्जन श्री मदन वैश्णव षकुंत का दर्द प्रतिक्रियास्वरूप इन षब्दों में उभर कर आयाः- रुसवा न होंगे हरगिज हम हर तरह की बदइंतजामी से, सदियों बदइंतजामियों का आदी रहा है हर शख्स यहां।

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