बहरहाल, डॉ. ठाकुर ने इस बार आगामी रेल बजट के मद्देनजर एक लंबा-चौड़ा ड्राफ्ट बना कर रेल मंत्री को भेजा है, जिसमें अजमेर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय बनाने का काम शुरू करने पर जोर दिया गया है। अजमेर के विकास के लिए उनकी ओर से दिए गए सुझाव बेशक सराहनीय हैं, मगर सवाल ये है कि उनकी ओर से अब तक दिए गए कितने सुझावों पर अमल हुआ है। वे केवल राज्यसभा सदस्य मात्र नहीं हैं, बल्कि हाईकमान तक उनकी पहुंच भी बताई जाती है, मगर अजमेर के लिए उन्होंने एक भी बड़ा काम नहीं करवाया। इससे संदेह होता है कि कहीं यह भ्रम तो नहीं है कि उनकी दिल्ली में बड़ी जान-पहचान है या फिर दिखाने भर के लिए इस तरह अपनी सक्रियता दर्शाती रहती हैं, उसमें गंभीरता कहीं भी नहीं है। कानाफूसी है कि वार-त्यौहार पत्रकारों को गिफ्ट दे कर उन्होंने ऐसी सेटिंग कर रखी है कि उनकी खबर दिल्ली में बैठे ही यहां आसानी से छप जाती है।
-तेजवानी गिरधर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें