सोमवार, 30 जून 2025

धनेश्वर मन्दिर सेवा ट्रस्ट के माध्यम से सेवाकार्य

अजमेर। जनता कॉलोनी, वैशाली नगर स्थित धनेश्वर मन्दिर में सेवा ट्रस्ट का गठन कर सेवा कार्य आरंभ किए जाएंगे। यह जानकारी मंदिर के सेवक दौलत राम खेमानी ने देते हुए बताया कि मंदिर की संस्थापिका संत सुश्री मोहिनी देवी खेमानी जी का जन्म 21 मई 1946 को सिन्ध में मटियारी गांव जिला हैदराबाद में हुआ था। आपके पिता का विवाह श्रीमती खेमी देवी से हुआ था। आपके दो भाई थे। आप सिन्ध से सीधा अजमेर आयीं, मगर पिता का व्यापार ठीक से नहीं चलने के कारण उनके साथ कोटा और फिर आगरा गयीं। 1950 में परिवार सहित वापस अजमेर आकर निवास करने लगीं। आपने केवल कक्षा चार तक शिक्षा प्राप्त की। बचपन से ही आप प्रभु भक्ति में लीन रहीं। 1954 में आपने राघवेंद्र सरकार के अनुयायी दादी धन्नी फकीर, एटा (यू.पी.) का सत्संग सुना और उनके साथ लगातार सम्पर्क में रहीं। 1962 में आप एटा जाकर गुरू से नाम दान लेकर आयीं और उनके आदेश से सत्संग करने लगीं। गुरू के साथ भारत भ्रमण भी किया। 1979 में आपने जनता कॉलोनी, वैशाली में मन्दिर बना कर सत्संग आरम्भ किया। गुरू के सिंधी तिथि दशम अंग्रेजी दिनांक 20 अक्टूबर 2004 को एटा में देह त्याग के बाद आपने भारत भ्रमण लगभग बन्द कर दिया है। अब आप वर्ष में दो बार एटा जाकर दर्शन लाभ लेती थीं तथा शेष समय अजमेर रहती थीं। और यहीं प्रभु अनुराग में अजमेर दरबार मे ही सर्व संगत के साथ हरि भजन कर जीवन व्यतीत किया। 


मन्दिर से आने वाले दान एवं शिष्टाचार भेंट में आये धन से गरीब बच्चों की शिक्षा, वृद्धा सेवा में अन्न-वस्त्र में ही खर्च कर दीदी नाम से पहचान से जानी जाती रही। उनके देवलोक गमन सिंधी तिथि 23 दिसंबर 2018 के बाद अब मन्दिर की सेवा भाभी हर्षिता एवं मन्दिर सेवादारियों द्वारा  अन्न- वस्त्र सेवा, सामाजिक सेवा एवं बच्चों की शिक्षा  सेवा का कार्य किया जाता है। अब सेविका हर्षिता जी एवं अन्य सेवादारियों द्वारा धनेश्वर मन्दिर सेवा ट्रस्ट का गठन कर मन्दिर के सेवा कार्य गर्मी में जगह वाटर कूलर, पक्षियों के अन्न-जल पात्र बांटना, गौ मां के चारा-पानी की शुरुआत करने का विचार बन रहा है।

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