मंगलवार, 4 अगस्त 2015

ज्ञान सारस्वत भाजपा के बैनर तले वार्ड तीन से ही चुनाव लड़ेंगे

मौजूद निर्दलीय पार्षद ज्ञान सारस्वत आसन्न अजमेर नगर निगम चुनाव में वार्ड से भाजपा के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे। हालांकि यह खबर लिखने तक भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक सूची जारी नहीं की गई थी, मगर जिस तरह खुद ज्ञान सारस्वत ने सोशल मीडिया पर अपने प्रचार का पोस्टर जारी किया तो यह तय माना गया कि उन्हें पक्के तौर पर इसी वार्ड से चुनाव लडऩे की हरी झंडी दे दी गई है। पहले ये चर्चा रही कि देवनानी वार्ड तीन से उनके खासमखास सीताराम को टिकट देना चाहते हैं और सारस्वत से वार्ड चार से चुनाव लडऩे को कहा गया है, लेकिन सारस्वत अड़ गए कि लड़ेंगे तो वार्ड तीन से। चाहे निर्दलीय ही क्यों न लडऩा पड़ जाए।
ज्ञातव्य है कि पिछली बार शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी से नाइत्तफाकी के चलते वे भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार तुलसी सोनी के खिलाफ निर्दलीय मैदान में उतर गए और रिकार्ड वोट लेकर जीते भी। इसके बाद पिछले विधानसभा चुनाव में हालांकि उन पर उनके समर्थकों का दबाव था कि देवनानी को निपटाने के लिए वे फिर निर्दलीय चुनाव लड़ें, मगर संघ ने दबाव बना कर उन्हें शांत करवा दिया। जाहिर तौर पर तभी तय हो गया था कि इसके बाद होने वाले निगम चुनाव में उन्हें भाजपा में शामिल कर टिकट दे दिया जाएगा। मगर देवनानी से छत्तीस का आंकड़ा होने की वजह से मामला अधर में ही माना गया। एक सुलह बैठक में जब यह तय हो कि उन्हें भाजपा का टिकट दिया जाएगा तो सारस्वत के कुछ समर्थक नाराज हो गए, क्योंकि वे उनके साथ देवनानी के विरोध की वजह से ही थे। मगर सारस्वत ने उन्हें समझाया कि उनका राजनीति कैरियर तभी बन पाएगा, जबकि मुख्य धारा में जुड़ जाएं। उधर भाजपा की भी मजबूरी थी कि उन्हें टिकट से नवाजें, क्योंकि उनके निर्दलीय खड़े होने पर न केवल वार्ड तीन, बल्कि आसपास के दो-तीन वार्ड और खराब हो सकते हैं। इसक वजह ये रही कि सारस्वत ने इलाके में जम कर सेवा की और जनता का दिल जीत लिया है। बहरहाल, अब जब कि सारस्वत भाजपा से ही चुनाव लडऩे जा रहे हैं, उम्मीद यही की जा रही है कि वे आसानी से जीत जाएंगे। हालांकि आगे की रणनीति पर फिलहाल चुप हैं, मगर जीत जाने के बाद स्थिति अनुकूल होने पर मेयर पद के लिए भी ताल ठोक सकते हैं।
तेजवानी गिरधर
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