शनिवार, 27 जुलाई 2013

लोकापर्ण भले ही गहलोत ने किया, क्रेडिट तो भाजपा ले गई

पंचशीलनगर में स्थित झलकारी बाई स्मारक का लोकार्पण भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया, मगर अखबारों में विज्ञापनों के जरिए इसको बनाने की क्रेडिट भाजपा ले गई।
असल में यह बना ही पिछली भाजपा सरकार के दौरान था, जिसका श्रेय सीधे-सीधे तत्कालीन नगर सुधार न्यास अध्यक्ष के खाते में जाता है। उन्होंने इस पर एक करोड़ आठ लाख रुपए खर्च किए। इसके अतिरिक्त  विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने दस लाख व सांसद रासासिंह रावत ने चार लाख रुपए अपने फंड से दिए। राजस्थान पुरा धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के तत्कालीन अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत का मार्गदर्शन रहा। संयोग से नई सरकार कांग्रेस की आ गई और इसका लोकार्पण नहीं हो पाया। कांग्रेस राज में यह पूरी तरह से उपेक्षित रहा। न्यास ने भी इसके रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया। अब जब कि मौजूदा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के चार माह शेष रह गए हैं तो लोकार्पण का श्रेय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ले लिया। जाहिर तौर पर यह भाजपाइयों को कैसे गले उतरता। सो उन्होंने किसी प्रकार का विरोध जताने की बजाय निर्माण करवाने का श्रेय लेने के लिए एक तरीका निकाला। विधायक श्रीमती अनिता भदेल के करीबी और कोली समाज के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत भाटी को आगे रख कर समाज की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे और भाजपा नेताओं को श्रेय देते हुए अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन दिए गए, ताकि लोगों को ठीक से पता लगे कि यह स्मारक भाजपा शासन की देन है, लोकार्पण भले ही गहलोत कर रहे हों। वैसे एक रोचक बात ये भी है कि इसका औपचारिक लोकार्पण भले ही अब जा कर हो रहा हो, मगर कोली समाज व भाजपा विधायक श्रीमती भदेल की पहल पर यहां पर 2011 में ही झलकारी बाई की जयंती मना ली गई। अर्थात यह स्मारक एक अर्थ में तो लोकार्पित हो ही चुका था।
जो कुछ भी हो, इन विज्ञापनों के जरिए हेमंत भाटी भी छा गए, जिनके प्रयासों से यहां पर कोली समाज के काफी लोग जुटे। ज्ञातव्य है कि हेमंत भाटी पूर्व उप मंत्री ललित भाटी के छोटे भाई हैं, जो कि इस बार अजमेर दक्षिण से कांग्रेस टिकट के दावेदार हैं। भले ही हेमंत भाटी की पहल पर भाजपा को क्रेडिट लेने का लाभ मिला, लेकिन साथ ही इससे उनकी सदाशयता भी उभर कर आई कि कांग्रेसी मुख्यमंत्री के मुख्य आतिथ्य में समारोह होने के बावजूद अपनी समाज की प्रेरणा स्रोत झलकारी बाई के सम्मान में उन्होंने समाज के लोगों को एकत्रित किया। जहां तक भाजपा नेताओं का सवाल है, उन्होंने कार्यक्रम से परहेज ही रखा। श्रीमती भदेल अजमेर नहीं हैं और प्रो. वासुदेव देवनानी ने इस कारण जाने से इंकार कर दिया कि लोकार्पण पट्टिका पर उनका नाम नहीं लिखा गया। न्यास के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन को सबसे ज्यादा मलाल रहा कि काम उन्होंने करवाया, मगर लोकार्पण कांग्रेसी मुख्यमंत्री कर रहे हैं। उन्होंने शिलान्यास पट्टिका हटाने पर ऐतराज करते हुए यह शिकायत भी की कि कांग्रेस राज में इस पर कुछ भी खर्च नहीं किया गया। इस शिकायत के बाद भी वे समारोह में केवल इसी कारण गए क्योंकि कोली समाज की ओर से उन्हें समाज को दी इस अप्रतिम भेंट देने के उपलक्ष्य में विशेष रूप से निमंत्रित किया गया था।
रहा सवाल कार्यक्रम के इम्पैक्ट का तो कांग्रेसी भले ही गहलोत के हाथों लोकार्पण का कोली समाज में श्रेय लेने का सपना देख रहे हों, मगर चूंकि समाज के अधिसंख्य लोग हेमंत भाटी के बुलावे पर आए, इस कारण वे अहसान तो भाजपा का ही मानने वाले हैं।
-तेजवानी गिरधर