शनिवार, 11 मई 2013

बाकोलिया जी को कैसे दिखाई देंगे ये होर्डिंग्स?


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कांग्रेस संदेश यात्रा के प्रचार-प्रसार और उन्हें शुभकामनाएं देने के लिए कांग्रेसियों की ओर से महावीर सर्किल को चारों ओर होर्डिंग्स लगा दिए जाने से भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा ढंक गई तो जैन समाज के रोष व्याप्त हो गया। होना ही है। जब खुद जैन समाज ने ही समाज बंधुओं की ओर से महावीर जयंती की शुभकामनाएं देने के लिए लगाए गए होर्डिंग्स हटा कर भविष्य में सर्किल पर होर्डिंग्स नहीं लगाने का निर्णय लिया था, तो भला किसी और के लगाने पर कैसे बर्दाश्त किया जाएगा। इस बारे में छोटा धड़ा पंचायत के उपाध्यक्ष कोसिनोक जैन कहना है कि समाज बंधुओं ने नगर निगम के मेयर कमल बाकोलिया से मुलाकात कर सर्किल पर होर्डिंग्स लगाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, इस पर निगम की ओर से विज्ञप्ति जारी कर बताया गया था शहर में किसी भी सर्किल पर बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स आदि नहीं लगाए जाएं। उल्लघंन करने वालों से जुर्माना वसूल कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह सच भी है कि उनके इस आदेश की अनुपालना में नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी प्रह्लाद भार्गव ने उन समस्त होर्डिंग/बैनर इत्यादि को, जो गैर कानूनी रूप से विभिन्न सर्किलों व दर्शनीय स्थानों व इमारतों पर लगाए गये थे, को हटा कर नगर की सुंदरता को कायम करने का प्रयास किया। इसकी मीडिया ने भी ताारीफ की। मगर वो ही घोड़े और वो ही मैदान। स्थिति जस की तस हो गई। कांग्रेसियों ने सीएम की संदेश यात्रा को लेकर बधाई संदेश वाले होर्डिंग्स लगाकर सर्किल को चारों ओर से ढक दिया। ऐसा प्रतीत होता है, मानो यह भगवान महावीर स्वामी के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए नहीं अपितु विभिन्न प्रभावशाली लोगों व संस्थाओं को होर्डिंग्स लगाने के लिए बनाया गया है।
वैसे यह पहला मौका नहीं है कि सर्किल की ये हालत की गई है। इससे पहले भी जिसका जोर चला, उसने होर्डिंग लगाया। और ऐसा भी नहीं कि केवल सत्तारूढ़ दल के नेता की ऐसी हरकतें करते हैं, भाजपाई भी बाज नहीं आते। भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी को जन्मदिन की बधाई देने के बैनर भी लगे दिखाई दिए थे। और तो और खुद शिकायतकर्ता कोसिनोक जैन के पिताश्री पदम कुमार जैन, जो कि अजमेर का एक जाना-पहचाना चेहरा हैं, की शादी की वर्षगांठ के बैनर भी इसी प्रकार लगाए गये थे। इसी प्रकार सुभाष उद्यान में आयोजित श्री राम नाम परिक्रमा कार्यक्रम के बैनरों से भी महावीर सर्किल को ढंक दिया गया था।
खैर, बात ताजा मामले की चल रही थी। जिन बाकोलिया जी को दिन में एक या दो बार यहां से गुजरने पर किसी अन्य के बैनर-होर्डिंग नजर नहीं आते तो आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व अन्य कांग्रेसी नेताओं के स्वागत में होर्डिंग्स लगाए गए हैं, तो वे कैसे नजर आएंगे।
जो कुछ भी हो सच यही है कि निगम तो बेपरवाह है ही, हममें भी सिविक सेंस कहां है। एक ओर हम शहर को सुंदर न बना पाने के लिए निगम व न्यास को कोसते हैं, तो दूसरी ओर स्वार्थ की खातिर खुद ही सुंदरता को नष्ट करते हैं। होना चाहिए कि निगम को कार्यवाही न करने के लिए कोसने की बजाय खुद जागरुक नागरिकों, नेताओं, समाज की स्वयंसेवी संस्थाओं व धार्मिक आयोजन समितियों को खुद की यह निर्णय करना चाहिए कि वे उचित व निर्धारित स्थान पर ही होर्डिंग्स-बैनर लगाएं। और यदि इसके बाद भी कोई सर्किल्स पर लगाता है तो उससे निगम को जुर्माना वसूल करना चाहिए।
-तेजवानी गिरधर