बुधवार, 28 अगस्त 2013

यानि कि नसीम सर्वसम्मत दावेदार नहीं

पुष्कर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव ओमप्रकाश रावत ने जिस प्रकार जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष मुमताज मसीह पर शिक्षा राज्यमंत्री व मौजूदा पुष्कर विधायक श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ के दबाव में वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है, उससे यह साफ हो गया है कि नसीम सर्वसम्मत दावेदार नहीं हैं। ज्ञातव्य है कि रावत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र भेज कर आरोप लगाया है कि मुमताज मसीह फीड बैक लेने के नाम पर सिर्फ कुछ कार्यकर्ताओं से ही गुुप्त मंत्रणा कर लौट गए और नसीम अख्तर के दबाव में अन्य संभावित दावेदारों तथा पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से मुलाकात नहीं की।
समझा जा सकता है कि नसीम का टिकट लगभग पक्का होने के अनुमान की वजह से अधिसंख्य कांग्रेसी नेता अनावश्यक रूप से नसीम के खिलाफ रेखांकित नहीं होना चाहते। यही वजह रही कि उन्होंने नसीम के प्रति ही एकराय जाहिर कर दी। नसीम का टिकट इस वजह से पक्का माना जा रहा है कि एक तो वे मंत्री हैं, दूसरा उन पर कोई बड़ा आरोप नहीं है व उनका परफोरमेंस अच्छा ही रहा है, तीसरा वे जिले में अल्पसंख्यक व महिला कोटे को पूरा करती हैं। यदि कुछ नेता उनसे असंतुष्ट हैं तो उनमें दम नहीं है कि खुल कर सामने आएं। ऐसे में रावत की आवाज नक्कारखाने में तूती के समान ही दब जाने वाली है। हां, इतना जरूर है कि यदि पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने पूरा जोर लगा कर पुष्कर के टिकट पर हाथ मारा और नसीम को भी टिकट देना जरूरी ही समझा गया तो उन्हें मसूदा भेजा जा सकता है। मसूदा में वैसे भी मौजूदा प्रबल दावेदार संसदीय सचिव ब्रह्मदेव कुमावत, अजमेर डेयर अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी व पूर्व विधायक हाजी कयूम खान के बीच जबरदस्त खींचतान है। ऐसे में इन तीनों में से जिस किसी एक को टिकट दिया गया, तो अन्य दो दावेदार उसे निपटा देंगे। कदाचित इस वजह से तीनों को दरकिनार कर नसीम को वहां से उतारा जा सकता है। बहरहाल, टिकट किसे मिलेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
-तेजवानी गिरधर