बुधवार, 2 जुलाई 2014

यानि कि जिला परिषद में अब भी पलाड़ा का दबदबा

भाजपा की सीमा माहेश्वरी के अजमेर जिला प्रमुख निर्वाचित होने के साथ यह सुनिश्चित हो गया है कि जिला परिषद में पूर्व जिला प्रमुख व मौजूदा मसूदा विधायक श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा के पति युवा भाजपा नेता भंवर सिंह पलाड़ा का ही दबदबा है।
दरअसल भाजपा में शुरुआती गुटबाजी के बाद हुई मशक्कत के परिणामस्वरूप यह एक दिन पहले ही तय हो गया था कि सीमा माहेश्वरी ही जिला प्रमुख निर्वाचित होंगी। ज्ञातव्य है कि जिला प्रमुख के चुनाव को लेकर भाजपा में तीन धड़े थे। जलदाय मंत्री सांवर लाल जाट सीमा माहेश्वरी को जिला प्रमुख बनाना चाहते थे, मगर अकेले उनके दम पर सीमा का जिला प्रमुख बनना संभव नहीं था। कारण कि भंवर सिंह पलाड़ा चाहते थे पूजा अजमेरा को जिला प्रमुख बनवाया जाए और रावतों के नेता किसी रावत को। ऐसे में जाट के इशारे पर सीमा माहेश्वरी के पति दिनेश तोतला पलाड़ा की शरण में चले गए। पलाड़ा की एक ही शर्त थी उनकी पत्नी श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा के तीन साल के कार्यकाल के दौरान जिस प्रकार ईमानदारी के साथ काम हुआ, ठीक वैसा ही आगे भी होता रहे। कहने की जरूरत नहीं है कि पलाड़ा की देखरेख में ही जिला परिषद प्रशासन ने पूरी मेहनत से काम किया, जिसकी तारीफ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भी की। यहां तक कि अजमेर जिला परिषद को राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया गया। खैर, तोतला ने जब पलाड़ा को विश्वास दिलाया कि वे उनके कहे अनुसार ही चलेंगे और जिला परिषद की गरिमा गिरने नहीं दी जाएगी। इस पर पलाड़ा ने सीमा माहेश्वरी को आशीर्वाद दे दिया। उधर रावतों को यह कह कर मनाया गया कि उप जिला प्रमुख रावत और दो विधायकों भी रावत होने के कारण जिला प्रमुख पद रावत को नहीं दिया जा सकता। इस पर रावत नेता मान गए। जब निचले स्तर पर सुलह हो गई तो भाजपा विधायक सुशील कंवर पलाड़ा, भागीरथ चौधरी, शंकर सिंह रावत, शत्रुघ्न गौतम व सुरेश रावत और देहात अध्यक्ष प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी से जयपुर में मुलाकात की व कार्यवाहक जिला प्रमुख सीमा माहेश्वरी को ही अगले जिला प्रमुख के रूप में पार्टी प्रत्याशी घोषित करने का आग्रह किया, जिसे परनामी ने मान लिया।
बहरहाल, कुल मिला कर कहानी ये है कि अगर पलाड़ा राजी नहीं होते तो सीमा किसी भी सूरत में जिला प्रमुख नहीं बन सकती थीं। इसका ये भी अर्थ निकलता है कि सुशील कंवर के विधायक बनने के बाद भी जिला परिषद में उनकी व उनके पति भंवर सिंह पलाड़ा की ही चलेगी।