सोमवार, 1 अगस्त 2016

क्या जिला कलेक्टर गोयल यूं ही काम करते रहेंगे?

जिला कलेक्टर गौरव गोयल का आगाज अच्छा था। जैसे ही अजमेर आए, तुरंत जरूरी मसलों पर त्वरित निर्णय करने लगे। अभी कुछ और करते इतने में राज्य स्तरीय स्वाधीनता समारोह की तैयारी में जुट गए। बेशक वे जिस तरीके से अजमेर को संवारने में लगे हैं, वह तारीफ ए काबिल है, मगर अभी से अजमेर वासियों में मन में एक सवाल उठने लगा है कि क्या 15 अगस्त के बाद भी इसी गति को बरकरार रखेंगे?
असल में यह सवाल इस कारण कौंधता है क्योंकि अजमेर के नागरिकों एक लंबे अरसे बाद ऐसा जिला कलेक्टर मिला है, जिसमें ऊर्जा के साथ काम करने का जज्बा भी है। उनकी पहली झलक के साथ ही सभी में उनसे अत्यधिक आशाएं जाग गई हैं। ऐसा सामान्य मानव व्यवहार है। जो मनुष्य लंबे समय से भूखा हो, उसे अगर रोटी नसीब हो जाए तो फिर वह अच्छी रोटी की भी उम्मीद भी पाल लेता है। इसी के चलते जहां कुछ लोगों को अजमेर का कायाकल्प होने की आशा है तो कुछ लोगों को संदेह है कि जैसी अजमेर की राजनीति है, उसके चलते क्या स्थानीय राजनीतिज्ञ उन्हें फ्री हैंड काम करने देंगे? क्या वे उनके काम में टांग तो नहीं अड़ाएंगे?
इन सवालों से हट कर बात करें तो सच्चाई ये है कि कलेक्टर गोयल ने आते ही अजमेर को स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित करवाने के लिए जो खाका तैयार किया था, उसमें फिलहाल रुकावट आई है। इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्र्माट सिटी की दिशा में कदम उठाने के लिए अजमेर शहर को स्लग देने की जो प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, उनके परिणाम अभी तक नहीं आए हैं। इसके अतिरिक्त भी जो काम वे करना चाहते थे, उनसे ध्यान हटा कर पूरा ध्यान आगामी 15 अगस्त को होने वाले राज्य स्तरीय स्वाधीनता दिवस समारोह की तैयारी में लगा दिया है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा के इस दौरान दो या तीन दिन अजमेर में रहने के कार्यक्रम के कारण स्वाभाविक रूप से पूरा कंसन्ट्रेशन उन्हीं को लेकर है। कोई और जिला कलेक्टर भी होता तो मुख्यमंत्री की शाबाशी पाने के लिए ऐसा ही करता। जिला प्रशासन ने वसुंधरा के आगमन की तैयारी का अभियान आनन फानन में तोबड़तोड तरीके आरंभ किया है। जिन मार्गों से मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे को गुजरना है, उनको दुरुस्त करने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। इसमें कोई दोराय नहीं कि मुख्यमंत्री के अजमेर आने के बहाने मार्गों को पोल लेस करने, जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के सामने वर्षों से हो रखे स्थाई अतिक्रमण को हटाने, सड़कों के नए सिरे से डामरीकरण करने का काम बेहद सराहनीय है। इसमें जिला कलेक्टर गौरव गोयल पूरी लगन से कर रहे हैं, मगर निर्णय करने की जितनी उनकी रफ्तार है, उस रफ्तार से काम होना मुश्किल है। विशेष रूप से बारिश के मौसम में कितनी कठिनाई आ रही है, ये तो इस काम में जुटे लोग ही बेहतर जानते हैं। धरातल की सच्चाई यही है, मगर मुख्यमंत्री के डर से सारे विभाग मजबूरी में जी जान से जुटे हुए हैं। अब तो जिला कलेक्टर भी समझ चुके होंगे कि समय कम है और जिस तरह से काम किया जा रहा है, वह ज्यादा टिकने वाला नहीं है। ऐसे में यह सवाल भी उठ खड़ा हुआ है कि कहीं पिछले राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह की तरह इस बार भी लीपापोती की कलई जल्द ही खुल न जाए। एक सवाल ये भी कि मुख्यमंत्री के अजमेर को गंदा कहने के बाद जिस तरह से सफाई अभियान शुरू हुआ है, आवारा पशुओं को पकडऩे  पर जोर दिया जा रहा है, क्या वह बाद में भी इसी गति से जारी रहेगा। या फिर यह मुख्यमंत्री को मुंह दिखाई रस्म की तरह रह जाएगा।
कुल मिला कर उत्साह से लबरेज कलेक्टर गोयल पर सभी की नजरें हैं कि क्या 15 अगस्त के बाद भी वे इसी उत्साह से काम करेंगे और पूरे अजमेर को सुधारने पर ध्यान देंगे।
-तेजवानी गिरधर
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