मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

सचिन से बाजी मार गए सी. पी. जोशी


बेशक केन्द्रीय मंत्रीमंडल में अजमेर का पहली बार प्रतिनिधित्व करने वाले स्थानीय सांसद सचिन पायलट पर यहां की जनता को नाज है और उन्होंने अपनी पहुंच के अनुरूप अनेक काम भी किए हैं, मगर ऐसा प्रतीत होता है कि इस बार रेल बजट में भीलवाड़ा के सांसद व केन्द्रीय केबिनेट मंत्री सी. पी. जोशी उनसे बाजी मार गए हैं। बेहद आश्चर्य की बात है कि अजमेर में जमीन एवं अन्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद भी मेन लाइन इलैक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट अर्थात मेमू के निर्माण के लिए फैक्ट्री भीलवाड़ा में लगेगी। इस पर एक हजार करोड़ रु. खर्च होंगे। यह योजना 802 बीघा जमीन पर विकसित की जाएगी। यह अजमेर वासियों के लिए एक झटका है। विशेष रूप से इसलिए कि अजमेर के खैरख्वाह सचिन पायलट दिल्ली में बैठे हुए हैं। अर्थात जोशी के मुकाबले वे कमजोर साबित हुए हैं। इसी प्रकार एग्जीक्यूटिव लॉन्ज व रेल नीर प्लांट भी जयपुर को मिलने का अर्थ है कि रेलवे के लिहाज से जयपुर अजमेर के मुकाबले लगातार आगे बढ़ रहा है। पूर्व में जोनल दफ्तर पर अजमेर का हक होने के बावजूद उसे जयपुर में स्थापित किया गया था।
हां, इतना जरूर है कि सचिन ने पुष्कर से मेड़ता व अजमेर से कोटा तक रेल लाइन डालने की घोषणा करवा कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। दोनों ही रेलमार्ग अजमेर के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। दोनों योजनाएं लंबे समय से लंबित थी। दोनों रेल मार्ग का सर्वे हो चुका था, सिर्फ एस्टीमेट पर वित्तीय मंजूरी बाकी थी। बजट में इनका प्रावधान करवाने के लिहाज से सचिन धन्यवाद के पात्र हैं, मगर जहां तक कुछ नया दिलाने की बात है, उसमें जोशी ने बाजी मार ली है।
रेल बजट में पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन के प्रावधान की बात करें तो यह काफी महत्वपूर्ण है। इससे पर्यटन, तीर्थ और यात्री सुविधाओं में विस्तार होगा ही, लेकिन इससे पश्चिमी राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती शहरों तक सैन्य पहुंच आसान हो जाएगी। यह रेल मार्ग बनने से अजमेर-जयपुर के रास्ते दिल्ली का एक शॉर्ट कट रूट जोधपुर, बीकानेर को मिल जाएगा। जोधपुर और अजमेर के बीच रेल मार्ग से सफर की अवधि दो-ढ़ाई घंटे कम हो जाएगी। वर्तमान में जोधपुर से अजमेर आने-आने में करीब 6 घंटे लगते हैं, पुष्कर-मेड़ता मार्ग से जोधपुर का सफर तीन-साढ़े तीन घंटे का ही हो जाएगा। इसके अतिरिक्त सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बीकानेर, कोलायत, फलोदी, बाड़मेर, जैसलमेर के लिए भी सीधा मार्ग बन जाएगा।
ज्ञातव्य है कि अजमेर-पुष्कर रेल लाइन का अभी तक कोई खास उपयोग नहीं हो रहा है। कहने भर को अजमेर व पुष्कर रेल लाइन मार्ग से जुड़े हुए हैं, मगर इस मार्ग से चंद लोग ही यात्रा कर रहे हैं। जितना इस मार्ग पर ट्रेन चलाने का खर्च होता है, उसके मुकाबले आय नगण्य है। पुष्कर के मेड़ता से जुड़ जाने के बाद इसका वास्तविक लाभ मिलेगा। हालांकि रेल लाइन डालने में समय लगेगा, मगर कम से कम श्रीगणेश तो होगा। एक बार शुरू हो जाने के बाद पूरा तो होगा, देर से ही सही। इसी प्रकार अजमेर-कोटा रेल लाइन से पर्यटन और व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। अजमेर और कोटा में स्थित उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रदेश और देश के अन्य हिस्से से जुड़ाव होगा।
रहा सवाल नई ट्रेनों को तो सचिन के प्रयास से तीन नई रेल सेवाएं शुरू करने और छह ट्रेनों का विस्तार करने की घोषणा की गई है, मगर अजमेर के धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्व के मद्देनजर विशेष रेल सुविधाओं की घोषणा नहीं की गई। तीन साल पहले रेल बजट में अजमेर में वल्र्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने की घोषणा भी धरी रह गई है।
-तेजवानी गिरधर