गुरुवार, 31 मार्च 2016

अजमेर दक्षिण से अब वंदना नोगिया लड़ेंगी

जानकारी मिली है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा मौजूदा महिला व बाल कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल की बजाय वर्तमान जिला प्रमुख वंदना नोगिया को चुनाव लड़वाएगी। इसकी नींव उन्हें जिला प्रमुख बनाने के साथ ही पड़ गई थी। असल में अनिता के धुर विरोधी शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने विरोध के बाद भी वंदना को जिला प्रमुख इसीलिए बनवाया, ताकि उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए तैयार किया जा सके। वे अनुसूचित जाति के साथ साथ महिला कोटे को भी पूरा करती हैं। बाद में जब नगर निगम चुनाव के दौरान श्रीमती भदेल अच्छा परफोरमेंस नहीं दे पाईं, तो यह मान लिया गया कि अगले चुनाव में वे कारगर प्रत्याशी साबित नहीं हो पाएंगी। यह माना जा रहा है कि
इसी के साथ टिकट निर्धारण में अहम भूमिका निभाने वाले भाजपा के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने वंदना पर दाव खेलने का मानस बनाया है।
अप्रैल फूल

लाला बन्ना कांग्रेस में शामिल

अजमेर नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत काफी दिन भाजपा से बाहर रहने के बाद आखिरकार कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। समझा जाता है कि उनकी नजर अजमेर उत्तर विधानसभा सीट पर है और चुनाव नजदीक आने पर दमदार दावेदारी करेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार थे, मगर भारी विरोध के बाद भी प्रो. वासुदेव देवनानी टिकट ले आए थे। बाद में नगर निगम चुनाव के दौरान शेखावत ने कांग्र्रेस के सहयोग से मेयर पद का चुनाव लड़ा, मगर विवादास्पद मात्र एक वोट से पराजित हो गए। नतीजतन उन्हें भाजपा से बाहर होना पड़ा। तभी ये लगने लगा था कि उन्हें कांग्रेस में शामिल कर लिया जाएगा, मगर कयास धरातल पर नहीं उतरे। इस बीच काफी समय तक विचार करने के बाद भाजपा में कोई भविष्य नहीं देखते हुए वे कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। बताया जाता है कि उन्होंने अजमेर उत्तर से टिकट की शर्त रखी है।
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भगत बरी, फिर से कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं

अजमेर नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष नरेन शहाणी भगत को भ्रष्टाचार के मामले में बरी कर दिया गया है। इसी के साथ उनके फिर से कांग्रेस में शामिल होने की संभावना बताई जा रही है। असल में पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी प्रबल दावेदारी के बावजूद कांग्रेस का टिकट इसलिए नहीं मिला, क्योंकि उन पर भ्रष्टाचार का मामला चल रहा था। बाद में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। हालांकि भाजपा में शामिल नहीं हुए, कदाचित यह सोच कर कि मामले से बाहर निकलने के बाद फिर से कांग्रेस टिकट की दावेदारी करेंगे। बताया जा रहा है कि बरी होने के बाद फिर से कांग्रेस में शामिल होने की जुगत बैठा रहे हैं। जाहिर तौर पर वे आगामी विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लडऩे का मानस रखते हैं।
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