सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

प्रभा ठाकुर को फिर आई अजमेर की याद

prabha thakur 2मूलत: अजमेर जिले की रहने वाली राज्यसभा सदस्य डॉ. प्रभा ठाकुर को एक बार फिर अजमेर की याद आ गई। ये वाकई उनकी अजमेर वासियों पर बड़ी मेहरबानी है। वे न तो लोकसभा सदस्य बनने पर अजमेर के लिए कुछ कर पाईं, क्योंकि उनका वह कार्यकाल छोटा ही रहा और न ही लगातार दूसरी बार राज्यसभा सदस्य बनने पर उन्होंने कोई उपलब्धि अपने खाते में दर्ज करवाई। बावजूद इसके उन्हें यदा-कदा इस प्रकार अजमेर की याद आती रहती है, ताकि अजमेर वासियों को सनद रहे कि दिल्ली में रहते हुए उन्हें अजमेर की बहुत चिंता है। ठीक उसी तरह, जैसे बार-बार लोकसभा सदस्य बनने वाले रासासिंह रावत भी लिखा-पढ़ी तो बहुत किया करते थे, मगर उससे होता जाता कुछ नहीं था।
बहरहाल, डॉ. ठाकुर ने इस बार आगामी रेल बजट के मद्देनजर एक लंबा-चौड़ा ड्राफ्ट बना कर रेल मंत्री को भेजा है, जिसमें अजमेर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय बनाने का काम शुरू करने पर जोर दिया गया है। अजमेर के विकास के लिए उनकी ओर से दिए गए सुझाव बेशक सराहनीय हैं, मगर सवाल ये है कि उनकी ओर से अब तक दिए गए कितने सुझावों पर अमल हुआ है। वे केवल राज्यसभा सदस्य मात्र नहीं हैं, बल्कि हाईकमान तक उनकी पहुंच भी बताई जाती है, मगर अजमेर के लिए उन्होंने एक भी बड़ा काम नहीं करवाया। इससे संदेह होता है कि कहीं यह भ्रम तो नहीं है कि उनकी दिल्ली में बड़ी जान-पहचान है या फिर दिखाने भर के लिए इस तरह अपनी सक्रियता दर्शाती रहती हैं, उसमें गंभीरता कहीं भी नहीं है। कानाफूसी है कि वार-त्यौहार पत्रकारों को गिफ्ट दे कर उन्होंने ऐसी सेटिंग कर रखी है कि उनकी खबर दिल्ली में बैठे ही यहां आसानी से छप जाती है।
-तेजवानी गिरधर

डॉ. गर्ग का कार्यकाल नहीं बढ़वा पाए शिक्षा मंत्री


डॉ सुभाष गर्ग
डॉ सुभाष गर्ग
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नए अध्यक्ष के रूप में डॉ. पी.एस. वर्मा की नियुक्ति के साथ यह साफ हो गया है कि इस मामले में शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा की बिलकुल नहीं चली और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया है।
ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों जब शर्मा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परिसर में आयोजित प्रदेश स्तरीय सम्मान समारोह में आए थे तो उन्होंने सार्वजनिक रूप से संकेत दिए थे कि मौजूदा बोर्ड अध्यक्ष डॉ सुभाष गर्ग का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने इतना तक कह दिया था कि यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस संबंध में उनसे पूछेंगे, तो वे गर्ग के नाम की ही सिफारिश करेंगे। उन्होंने डॉ. सुभाष गर्ग के बारे में तारीफ के पुल बांधते हुए कहा था कि उनके जैसे ही शिक्षाविद की जरूरत है, क्योंकि गर्ग ने अपने कार्यकाल में सरकार की आशा के अनुरूप कार्य किए, पारदर्शिता को बरकरार रखा। आने वाले बोर्ड अध्यक्ष डॉ सुभाष गर्ग ही हो सकते हैं। हालांकि साथ ही उन्होंने जोड़ा कि इस संबंध में सर्च कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे चुकी है। फाइल मुख्यमंत्री के पास है, अंतिम फैसला उन्हीं का होगा। यदि उनसे पूछा जाएगा तो वे डॉ. गर्ग का ही नाम लेंगे। यदि नहीं पूछेंगे, तो वे कुछ नहीं कहेंगे।
अब जब कि डॉ. गर्ग का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया है, यह साफ है कि या तो मुख्यमंत्री गहलोत ने सर्च कमेटी कमेटी की रिपोर्ट पर शिक्षा मंत्री शर्मा से कोई मश्विरा ही नहीं किया और अगर मश्विरा किया भी तो उनकी सिफारिश को नहीं माना।
अव्वल तो इस प्रकार सार्वजनिक रूप से डॉ. गर्ग का कार्यकाल बढ़ाए जाने की सिफारिश करने का खुलासा करना ही बेहूदा और घटिया है। शिक्षा मंत्री जैसे गरिमामय पद पर होते हुए भी शर्मा ने उसका ख्याल नहीं रखा। उनकी सिफारिश का वैसे भी कोई मतलब नहीं था, जबकि सर्च कमेटी अपनी गोपनीय राय दे चुकी थी। कदाचित उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर डॉ. गर्ग का नाम जुड़वा भी दिया तो मुख्यमंत्री उनकी नहीं मानी। कहने की जरूरत नहीं है कि शर्मा के यहां समारोह में खुलासे के बाद डॉ. गर्ग के मन में लड्डू फूट रहे होंगे, मगर बताया जाता है कि उनके कार्यकाल की उपलब्धियों के साथ उन पर लगे आरोपों को भी ध्यान में रखा गया है, तभी शिक्षा मंत्री की सिफारिश के बाद भी कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया।
-तेजवानी गिरधर

कांग्रेस ने भी की जिला प्रमुख श्रीमती पलाड़ा की तारीफ

sushil kanwar 3अजमेर की जिला प्रमुख श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा ने अपने कार्यकाल के तीन साल सफलतापूर्वक पूरे कर लिए। बेशक इस दौरान उन्होंने जिले में जो काम किए, वे साफ नजर आ रहे हैं और इसी कारण उनकी तारीफ भी हो रही है, मगर उससे भी बड़ी उपलब्धि उनकी ये है कि कांग्रेस ने भी उनके कामों की सराहना की है।
यहां उल्लेखनीय है कि श्रीमती पलाड़ा के कार्यकाल के तीन साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता भी मौजूद थे और उन्होंने अपने भाषण में कहा कि अजमेर को सुन्दर बनाने और जिले के आम लोगों की ईमानदारी से सेवा करने के प्रत्येक कदम का वे स्वागत करते हैं और पंचायतीराज को मजबूत करने के लिए अजमेर जिला परिषद ने जो प्रयास किये हैं, वे सराहनीय हैं। सराहना के योग्य तो रलावता भी हैं, जिन्होंने बिना किसी राजनीति भेदभाव के भाजपा की जिला प्रमुख को सराहा है, वरना राजनीतिक दल तो महज विरोध करने के लिए ही विरोध किया करते हैं, भले ही किसी ने अच्छा काम किया हो।
वैसे ये पहला मौका नहीं है कि प्रमुख विरोधी दल कांग्रेस ने उनकी तारीफ की हो। इससे पहले एकाधिक मंत्री भी सराहना कर चुके हैं। राजस्थान में संभवत: वे एक मात्र जिला प्रमुख हैं, जिनके कामों को प्रमुख विरोधी दल ने भी सराहा हो। ऐसा हो भी क्यों नहीं, श्रीमती पलाड़ा का अब तक कार्यकाल ईमानदारी, पारदर्शिता व संवेदनशीलता के लिए जाना जाता रहा है। वे जन सुनवाई करती हैं और जिले के दूर-दराज से आने वाले ग्रामीणों और काश्तकारों की समस्याओं को सुनकर उनका निदान करने की पूरी कोशिश करती है। और इसी का परिणाम है कि अजमेर जिला परिषद ने पूरे राजस्थान में अपनी अलग से पहचान बनाई है। यह अलग पहचान इस रूप में भी रेखांकित करने वाली है कि अकेले अजमेर जिला परिषद में ही भाजपा व कांग्रेस की जुगलबंदी है। इस बात को शहर भाजपा अध्यक्ष रासासिंह रावत भी मानते हैं कि राजनीति से ऊपर उठकर आम लोगों की सेवा करना व्यक्तित्व की पहचान दर्शाती है, जो अजमेर की जिला प्रमुख श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा में देखने को मिलती है।
-तेजवानी गिरधर