शनिवार, 4 जुलाई 2015

भाजपा 35, कांग्रेस 25?

हालांकि मतदान के दिन तक इसका ठीक अनुमान लगाना कठिन है कि नगर निगम चुनाव में भाजपा व कांग्रेस को कितनी सीटें मिलेंगी, मगर सट्टा बाजार ने अभी से फलित निकालना शुरू कर दिया है। सट्टा बाजार कुल साठ सीटों में से 35 भाजपा को तो 25 कांग्रेस को दे रहा है। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है। विशेष रूप से इसलिए कि वार्डों में पुनर्सीमांकन में भाजपा नेताओं की अहम भूमिका रही है। वैसे भी भाजपा को जितना प्रचंड बहुमत आज से एक-डेढ़ साल पहले केन्द्र व राज्य में मिला था, उसे देखते हुए तो ये आकलन तो भाजपा के लिए चिंताजनक होना चाहिए। मात्र पांच सीट का ही तो अंतर है। अगर कांग्रेस पांच सीट ज्यादा ले आए तो वह भाजपा के बराबर हो जाएगी। ये आकलन जरूर अजमेर शहर का प्रतिनिधित्व करने वाले दोनों मंत्रियों प्रो. वासुदेव देवनानी व श्रीमती अनिता भदेल और शहर भाजपा अध्यक्ष अरविंद यादव के लिए सोचनीय है। सोचनीय ये भी है कि आखिर माहौल में इतना परिवर्तन कैसे आ गया कि पूरी तरह से सिमट चुकी कांग्रेस भाजपा के लिए चुनौती बन कर उभर रही है। और वो भी तब जबकि भाजपा के पास यादव के नेतृत्व में नई टीम है और कांग्रेस उसी पुरानी टीम के साथ मैदान में उतरेगी, जो विधानसभा व लोकसभा चुनाव में हार का सामना कर चुकी है। इसका एक ही अर्थ है कि केन्द्र व राज्य में भाजपा का परफोरमेंस कुछ कमजोर रहा है। जनता को जो आशाएं थीं, जरूर उनमें कहीं न कहीं कमी रह गई है। इतना जल्द जनता का विमुख होना चौंकाने वाला है। हालांकि इतना जरूर सही है कि भाजपा को उसके सत्तारूढ़ होने का फायदा जरूर मिलेगा। जहां वह निचले स्तर पर छोटे नेताओं को प्रलोभन देने की स्थिति में है, वहीं प्रशासन भी उसी के कब्जे में है।
जहां तक चुनावी चौसर का सवाल है, जाहिर तौर पर दोनों दलों के अध्यक्ष उसे संगठनात्मक स्तर पर संभालेंगे ही, मगर कुछ प्रमुख नेताओं की इसमें अहम भूमिका होगी। भाजपा की बात करें तो अजमेर उत्तर में प्रो. देवनानी और अजमेर दक्षिण में श्रीमती भदेल के हाथ में कमान होगी। वे जिन प्रत्याशियों को फाइनल करेंगे, लगभग वे ही प्रदेश हाईकमान से तय हो कर आने हैं। इसी प्रकार कांग्रेस में मोटे तौर पूरी जिम्मेदारी शहर अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता पर है, मगर अजमेर दक्षिण की शतरंज बैठाने का काम काफी दिन पहले से ही विधानसभा चुनाव हारे हेमंत भाटी शुरू कर चुके हैं। देखने वाली बात ये होगी कि पूर्व उप मंत्री ललित भाटी व पूर्व विधायक डॉ.  राजकुमार जयपाल कितना हिस्सा बांट पाते हैं। उधर अजमेर उत्तर में पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती का भी प्रभाव नजर आ सकता है। माना जाता है कि भले ही प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर होगी, मगर नाम फाइनल जयपुर में ही होंगे।
रहा सवाल मेयर का तो भाजपा में पूर्व मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत, पार्षद जे. के. शर्मा, पूर्व उपसभपति सोमरत्न आर्य के नाम उभर कर आ रहे हैं, वहीं कांग्रेस में कौन दावेदार होगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
-तेजवानी गिरधर
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