सोमवार, 14 नवंबर 2016

मोदी का कदम पड़ा उलटा, बीजेपी को बड़ी देर में समझ आया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से 8 नवंबर की रात यकायक पांच सौ व एक हजार का नोट बंद करने की घोषणा को काले धन पर बड़ा हमला मान कर भाजपा उत्साहित थी। इसे काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक की संज्ञा देते हुए मोदी को एक महान नेता कहने वालों का हुजूम सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर टूट पड़ा। बेशक यह एक कड़ा और साहसिक या कहें कि दुस्साहिक कदम था, जिसे कदाचित गैर भाजपा मानसिकता वाले भी उचित मान रहे थे। मगर उसी रात और दूसरे दिन जब बाजार में अफरातफरी मची और बाद में बैंकों व एटीएम पर लंबी कतारें लगने लगीं, इस कदम के आफ्टर इफैक्ट पर ध्यान गया। बैंकों व एटीएम के बाहर न छाया का प्रबंध, न पानी की व्यवस्था, लंबा इंतजार। आम आदमी त्राहि त्राहि कर बैठा। दिन प्रतिदिन गुस्सा बढऩे लगा। कई घटनाएं भी हुईं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी मोदी पर जम कर हमले होने लगे। तब जा कर भाजपा को समझ में आया कि मोदी का यह रामबाण उलटा पड़ रहा है। छह दिन बाद जा कर ख्याल आया कि अब डैमेज कंट्रोल की सख्त जरूरत है। इसी के चलते भाजपा अजमेर देहात के जिलाध्यक्ष प्रो. बी. पी. सारस्वत ने सभी मंडल अध्यक्ष, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं से अपील की है कि प्रधानमंत्री जी के ऐतिहासिक निर्णय के बाद सभी बैंकों और पोस्ट ऑफिस सहित वित्तीय संस्थाओं में, जहां नोट बदले जा रहे है, वहां पर आप सभी कार्यकर्ता समय निकाल कर व्यवस्थाओं में सहयोग करें। वहां नोट बदलने के लिए फॉर्म भरना, चाय-पानी की व्यवस्था करना आदि कार्य करके प्रधानमंत्री जी की इस सकरात्मक पहल में अपना योगदान दें।
कुछ इसी प्रकार कांग्रेस को भी लगा कि इस मौके पर जनता की सेवा करके उनका दिल जीता जा सकता है, सो शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने तय किया है कि कलेक्टर चौराहे पर स्थित एसबीआई पर लंबी लाइन में लग कर तकलीफ पा रहे लोगों की सहायता की जाएगी।