रविवार, 27 मार्च 2016

यातायात सुधारने के लिए क्या हो सकते हैं वैकल्पिक उपाय?

अजमेर में एलिवेटेड रोड बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से पैसा देने से इंकार किए जाने और अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा द्वारा भी ठंडे छींटे दिए जाने के बाद यह साफ हो गया है कि अब यातायात के दबाव को कम करने के लिए वैकल्पिक उपाय ही करने होंगे। इसका इशारा स्वयं हेड़ा भी दे रहे हैं कि आगरा गेट से सूचना केंद्र चौराहा तक के मार्ग को फोरलेन करने पर विचार कर रहे हैं, साथ ही पालबीछला से वैकल्पिक मार्ग निकल सकता है या नहीं, इस पर भी विचार किया जा रहा है।
आपको बता दें कि इस सिलसिले में अजमेर फोरम भी एक वृहद प्रस्ताव सरकार को भेजा था, जिसमें वैकल्पिक मार्ग एवं रिंग रोड बनाने का सुझाव दिया गया था।
आइये देखें, उसमें क्या लिखा था:-
पहला वैकल्पिक मार्ग आदर्श नगर रेलवे अंडर ब्रिज के पास से धोलाभाटा होते हुए मदार को जोडऩे वाले प्रस्तावित मार्ग को तैयार करने के साथ इसे गढी मालियान, खानपुरा होते हुए ब्यावर रोड से जोड़कर इस मार्ग को बनाया जाना चाहिए।
दूसरा वैकल्पिक मार्ग नौ नंबर पेट्रोल पंप पर बिहारीगंज से आ रहे आनासागर एस्केप चैनल को कवर कर उस पर ओवरब्रिज की तर्ज पर एक मार्ग बनाया जा सकता है। आनासागर एस्केप चैनल को पूरी तरह नहीं ढका जाए बल्कि वर्तमान भूतल से चार-पांच फीट उंचे पिलर तैयार कर उन पर यह मार्ग बनाया जाए। इससे चैनल की सफाई में भी कोई बाधा नहीं आएगी तथा मार्ग के दोनों ओर दीवार बनाने से वह सुंदर और सुरक्षित भी रहेगी। इस मार्ग के बनने से कितनी सुविधा होने वाली है, यह कचहरी रोड पर बिसिट के   निकट कवर किए गए छोटे से हिस्से से लगाया जा सकता है। यह मार्ग सुभााष उद्यान के सामने सुंदर विलास से प्रारंभ होगा और सुंदर विलास, मेडिकल कॉलेज, ब्रह्मपुरी, बिसिट, तोपदड़ा, पालबीचला, श्रीनगर रोड़, अलवर गेट, नगरा होते हुए नौ नंबर तक जाएगा। इस मार्ग निर्माण में ना किसी तरह का कोई अतिक्रमण हटाने की समस्या आएगी और ना ही भूमि अवाप्ति या मुआवजे की समस्या का सामना करना पड़ेगा। यह मार्ग अजमेर में एकतरफा यातायात व्यवस्था लागू करने में भी मददगार होगा। इसमें आदर्श नगर और रामगंज से आने वाला यातायात मार्टिंडल ब्रिज से होकर शहर में आएगा और इस मार्ग से सीधे आदर्श नगर और श्रीनगर रोड, मार्टिन्डल ब्रिज होते हुए रामगंज चला जाएगा। यहां एक हमें स्वत: ही पालबीसला और फ्रेजर रोड के वैकल्पिक मार्ग की सुविधा भी मिल रही है। यह प्रस्तावित एस्केप चैनल मार्ग मोनो रेल के लिए भी विकसित किया जा सकता है।
तीसरा वैकल्पिक मार्ग जयपुर रोड पर जिला अदालत के पीछे से कुंदन नगर वाले मार्ग को जोड़कर बनाया जा सकता है। जयपुर रोड से कुंदन नगर की ओर आने वाला यातायात और रोडवेज बसें भी इस मार्ग से सीधे बस स्टेशन में पीछे की ओर से प्रविष्ट हो सकेंगी।
चौथा वैकल्पिक मार्ग नाका मदार से मदार गांव, लाडपुरा, भूणाबाय होते हुए जयपुर रोड पर आरपीएससी के सामने जोड़ा जा सकता है।
पांचवां वैकल्पिक मार्ग चंदबरदाई नगर से होकर गुजर रही तारागढ़ संपर्क सड़क मार्ग को हैप्पीवैली होते हुए पहाड़ी काटकर सीधे अढ़ाई दिन के झौंपड़े पर आ रहे नागफणी वाले नए मार्ग को जोड़ा जाए।
छठा वैकल्पिक मार्ग तारागढ़ संपर्क सड़क से अजयनगर, पहाडग़ंज, आशागंज, नवाब का बेड़ा के उपरी भाग पर तारागढ़ की तलहटी में एक नया मार्ग विकसित करते हुए इसे डिग्गी के उपर होते हुए सीधे झालरे तक पहुंचाया जाए ताकि दरगाह के लिए रामगंज, स्टेशन रोड़, पृथ्वीराज मार्ग, गंज, दरगाह बाजार से आने वाली भीड़ कम हो सके।
सातवां वैकल्पिक मार्ग शास्त्री नगर से एलआईसी कॉलोनी को जोडऩे के लिए शास्त्री नगर की पहाडिय़ों से एक मार्ग निकाला जाना चाहिए। यह मार्ग पुलिस लाइन, जयपुर रोड से आने वाले यातायात, शास्त्री नगर, को सीधे आनासागर लिंक रोड, वैशाली नगर से जोड़ेगा और पुष्कर जाने के लिए भी कलेक्ट्रेट क्षेत्र पर यातायात का दबाव कम होगा।
आठवां वैकल्पिक मार्ग कुंदनगर से जेपी नगर, गांधीनगर को जोडऩे के लिए मदार की पहाड़ी को काटकर एक वैकल्पिक मार्ग बनाया जा सकता है।
अलग-अलग टुकड़ों में बनने वाले इन मार्गों को समग्र रूप में देखें तो यह अजमेर के लिए रिंग रोड साबित होगा।

एलिवेटेड रोड बनाने की भाजपाइयों की मांग भी नहीं मानी सरकार

अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में स्थानीय मंत्रियों व भाजपा नेताओं ने कोई कोशिश की या नहीं, पता नहीं, इस कारण यह कहना उचित नहीं कि उन्होंने कोशिश की, मगर कामयाब नहीं हुए, मगर एलिवेटेड रोड के मामले में पक्के तौर पर कहा जा सकता है कि उन्होंने इसके प्रस्ताव भेजे थे, मगर अफसोस कि उनके इस आग्रह को सरकार मानने से इंकार कर दिया है। आपको याद होगा कि भाजपा ने जब अपना घोषणा पत्र बनाया था तो बाकायदा जिले वार भी प्रस्ताव मांगे गए थे, उनमें एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव शामिल था, मगर न तो सरकार ने उसको घोषणा पत्र में शामिल किया और न ही अब तक पेश किए गए बजटों में। इससे साफ है कि सरकार में शामिल स्थानीय मंत्री अजमेर में चाहे जितनी शेखी बघारें, मगर जयपुर में उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती के समान ही है।
आपको बता दें कि एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव 2013 में कांग्रेस सरकार के दौरान तैयार हुआ था। एलिवेटेड रोड के प्रस्ताव के अनुसार यह स्टेशन रोड पर मार्टिंडल ब्रिज से लेकर क्लॉक टावर थाना, गांधी भवन, कचहरी रोड, इंडिया मोटर्स चौराहा होते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग के पुराने दफ्तर के सामने तक जाना था। ऐसे में गांधी भवन से एलिवेटेड रोड दो हिस्सों में बंट जाता। इसका दूसरा हिस्सा जीपीओ, नगर निगम के सामने से होते हुए आगरा गेट तक जाता। तब एक कंसलटेंट से डीपीआर भी तैयार करवाई गई, जिस पर करीब 20 लाख रुपए खर्च हुए थे। इस प्रस्तावित रोड पर 200 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। यहां यह भी समझना होगा कि तब की डीपीआर में 2013 की बीएसआर के आधार पर लागत तय की गई थी, जिसके तहत करीब 200 करोड़ रुपए लागत आ रही थी। यदि वर्ष 2016 की बीएसआर के मुताबिक यह लागत आंकी जाए तो करीब दोगुना हो जाती है। अर्थात करीब 400 करोड़ रुपए चाहिए। बहरहाल भाजपा सरकार के दौरान इस डीपीआर पर धूल पड़ी रही। अब जा कर खुलासा हुआ है कि सरकार ने इतनी बड़ी राशि देने से इंकार कर दिया है। उधर अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा कह रहे हैं कि स्टेशन रोड पर एलिवेटेड रोड की फिजिबिलिटी भी नहीं है। दुकानदारों का भी भारी विरोध था। इस रोड पर पर्याप्त स्थान भी नहीं है। एडीए किसी एक ही प्रोजेक्ट पर इतनी बड़ी रकम खर्च करने की स्थिति में भी नहीं है। यानि कि साफ तौर पर मान लिया जाए कि एलिवेटेड रोड का सपना चकनाचूर हो गया है।
स्मार्ट सिटी के मामले में भद पिटने के बाद एक बार फिर यहां के मंत्रियों व भाजपा नेताओं की छीछालेदर होने जा रही है।
तेजवानी गिरधर
7742067000
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