रविवार, 11 नवंबर 2012

लो, नरवाल ने दिखाया अपना दम


भाजयुमो के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अनिल नरवाल ने आखिर बहाली के बाद अजमेर में अपनी अलग से मौजूदगी दर्ज करवा ही दी। उनके नेतृत्व में भाजयुमो शहर जिला के कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक पर दीपदान किया, जबकि इसमें शहर जिला अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह शेखावत सहित उनके गुट के कार्यकर्ता इस मौके पर मौजूद नहीं थे। साफ है कि उन्होंने अपनी अलग से मौजूदगी दिखा कर यह साबित करने की कोशिश की है कि उनमें वही पहले जैसा दमखम है। मजे की बात ये है कि अखबारों ने उनके कार्यक्रम को भाजयुमो का कार्यक्रम ही करार दिया, न कि निजी।  उनके इस ताजा कदम से साफ है कि भले ही देवेन्द्र सिंह शेखावत अध्यक्ष हों, मगर कई कार्यकर्ताओं की निष्ठा अब भी नरवाल में है।
आपको याद होगा कि जब नरवाल को बहाल किया गया था तो अपुन ने इसी कॉलम में यह सवाल उठाया था कि क्या वे बहाली होने पर चुप हो कर बैठ जाएंगे? ये सवाल उठाने की वजह ये थी कि शेखावत का विरोध करने वाले उनके प्रतिद्वंद्वी नितेश आत्रेय की नाराजगी को दूर करने के लिए उन्हें कोटा संभाग का प्रभारी बनाया गया तो यही समझा गया था कि उन्हें बोतल में बंद कर लिया गया है। मगर चंद दिन बाद ही उन्होंने जता दिया कि वे अपनी अलग से मौजूदगी को खत्म नहीं होने देंगे। डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी को लेकर उन्होंने अपने समर्थकों के साथ रैली निकाली थी। खैर, उसके बाद जब नरवाल की बहाली हुई तो यही माना गया कि संभव है उन्हें तो इसी शर्त के साथ मुख्य धारा में लाया गया होगा कि शेखावत के लिए सिरदर्द नहीं बनेंगे, मगर ताजा कार्यक्रम से यह साबित हो गया है कि वे अपना वजूद अलग से कायम रखना चाहते हैं।
-तेजवानी गिरधर