बुधवार, 2 अगस्त 2017

साध्वी अनादि सरस्वती लड़ेंगी अजमेर उत्तर से?

जाने-माने राजनीतिक पंडित एडवोकेट राजेश टंडन एक नई खबर लेकर आए हैं सोशल मीडिया पर। वो ये कि चिति योग संस्थान की साध्वी अनादि सरस्वती पर संघ की नजर है कि यदि आगामी विधानसभा चुनाव में ऐन वक्त पर मौजूदा विधायक व शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी का टिकट काटना पड़े तो उनकी जगह किसी भाजपाई की बजाय उनको चुनाव मैदान में उतारा जाए। हालांकि यह खबर से ज्यादा फिलहाल अफवाह ही कही जाएगी, मगर राजनीति में सब कुछ संभव है। और जब टंडन साहब कहीं से खोद कर लाए हैं तो उस पर जरा गौर करना वाजिब है।
टंडन ने अपनी खबर को पुख्ता आधार देने के लिए साध्वी की हाल की गतिविधियों की ओर भी इशारा किया है। जैसे जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को उनका आशीर्वाद देना, राज्यसभा सदस्य भूपेन्द्र यादव से उनकी शिष्टाचार भेंट इत्यादि। इसके अतिरिक्त विश्व हिंदू परिषद व संघ के कार्यक्रमों में उनके मंचों पर भी उन्हें देखा गया है। इसके अलावा रायपुर-छत्तीसगढ की यात्रा के दौरान उनकी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मुलाकात को भी उन्होंने इसी संदर्भ में जोड़ा है।
हालांकि अभी तक साध्वी अनादि सरस्वती की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, इस कारण उनका मन्तव्य क्या है, कुछ कहा नहीं जा सकता। चूंकि संघ की भले ही उन पर नजर हो, मगर अनादि सरस्वती जैसी साध्वी राजनीति में आने को तैयार होती हैं, या नहीं, उस बारे में अभी से अनुमान लगाना कठिन है। हालांकि जब से वे जनता में अवतरित हुई हैं, तब आरंभ में कांग्रेस व भाजपा, दोनों ही दलों के नेताओं से उनके संपर्क रहे हैं। शुरू में कुछ प्रमुख समाजसेवी व व्यवसायी भी उनके संपर्क में रहे। पिछले कुछ सालों में उनकी गतिविधि यकायक बढ़ गई है और वे दूर-दूर की आध्यात्मिक यात्राएं कर चुकी हैं। अब तो उनके चित्ताकर्षक फोटो युक्त प्रवचन सोशल मीडिया में भी खूब नजर आ रहे हैं। फेसबुक पर उनके सैकड़ों अनुयायी हैं। उनके मन में राजनीतिक महत्वाकांक्षा है, या नहीं, कहा नहीं जा सकता, मगर जो कोई भी उनको प्रोजेक्ट करना चाहता है, वह निश्चित रूप से शातिर दिमाग है। कदाचित संघ में घुसपैठ करवाने में भी उसी की भूमिका हो।
अपनी जितनी समझ है, उसके हिसाब अगर साध्वी राजनीति में आती हैं तो यह तय है कि जब वे साध्वी नहीं थीं, तब के कहानी-किस्से भी लोग चर्चा में ले आएंगे। एक चुटकला नहीं है कि अगर आपको अपनी सात पीढिय़ों के बारे में जानकारी न हो तो केवल इतना कीजिए कि अपने चुनाव लडऩे की अफवाह फैला दीजिए, लोग आपकी सात पीढ़ी का पूरा हिसाब-किताब ढूंढ लाएंगे, पुष्कर में किसी पंडे से नहीं मिलना होगा।
-तेजवानी गिरधर
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